नई दिल्ली। फिल्म ‘आदिपुरुष’ का टीजर जारी होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। फिल्म के खिलाफ आवाज उठ रही है। आदिपुरुष को बैन करने तक की मांग उठने लगी है। इसकी वजह ये है कि भगवान राम पर बनी इस फिल्म में रावण और हनुमान समेत तमाम चरित्रों का चित्रण अलग रूप में दिखाया गया है। विरोध करने वाले कह रहे हैं कि रावण तो इस्लामी आक्रांता अलाउद्दीन खिलजी जैसा दिखता है। हनुमान को बगैर मूंछ के मुसलमानों की तरह सिर्फ दाढ़ी में दिखाया गया है। इन आरोपों पर फिल्म के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर बीते 2 दिन से टीवी चैनलों पर सफाई दे रहे हैं।
मनोज मुंतशिर अपनी सफाई में कह रहे हैं कि जितने भी बुरे लोग थे, रावण उनमें सबसे बुरा था। अगर उसका चरित्र फिल्म में किसी इस्लामी आक्रांता जैसा लग रहा है, तो उसमें कोई हर्ज नहीं है। मनोज मुंतशिर की ओर से ये सफाई भी लोगों को हजम नहीं हो रही। सोशल मीडिया पर उन्हें लोगों ने जमकर फटकार लगाई है। मनोज ने शुक्रवार को टीवी चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ से खास बातचीत में रावण को इस्लामी आक्रांता जैसा दिखाने पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि रावण सभी खराब लोगों से भी खराब था। अगर वो अलाउद्दीन खिलजी जैसा दिखता है, तो उसमें दिक्कत नहीं होनी चाहिए। मनोज मुंतशिर ये भी बोले कि खिलजी, नादिरशाह, चंगेज खान और दुर्योधन जैसा अगर आदिपुरुष का रावण दिख रहा है, तो वो ये चाहते हैं कि रावण सबसे बड़ी बुराई था, तो उसमें ये सब कैरेक्टर्स भी दिखने चाहिए। मनोज ने क्या कहा, ये आप सुनिए…
#ManojMuntashirOnAdipurush: जो चित्र आए हैं उसमें रावण अलाउद्दीन लग रहा है..हनुमान जी मुगल लग रहे हैं..ये न्याय है क्या..ये सही चरित्र चित्रण है? देखिए, इस सवाल पर क्या बोले संवाद लेखक #ManojMuntashir @navikakumar के सवाल, @manojmuntashir के जवाब #SawalPublicKa #Adipurush pic.twitter.com/tITOpdUgXP
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) October 7, 2022
मनोज मुंतशिर ने गुरुवार को टीवी चैनल ‘आजतक’ से बातचीत में आदिपुरुष के कैरेक्टर्स के चित्रण पर सफाई देने की शुरुआत की थी। उन्होंने तब कहा था कि अगर रावण, अलाउद्दीन खिलजी जैसा लगता है, तो उसमें हर्ज ही क्या है। उन्होंने सैफ अली खान को रावण के रोल में इस तरह दिखाए जाने पर अपने तर्क दिए थे। उन्होंने तब क्या कहा था, ये भी सुन लीजिए…
रावण और ख़िलजी का चेहरा हमने जानबूझकर एक नहीं किया पर अगर मिलता जुलता है तो इसमें काई बुराई नहीं है: मनोज मुंतशिर
मनोज के इस बयान पर आप क्या सोचते हैं? pic.twitter.com/GCqLqd2uPr
— Shubhankar Mishra (@shubhankrmishra) October 6, 2022
मनोज मुंतशिर भले ही सफाई में कह रहे हैं कि आदिपुरुष के रावण में सभी बुरे लोगों और आक्रांताओं की तस्वीर दिखना गलत नहीं है, लेकिन लोग उनके इस तर्क को पचा नहीं पा रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग इस तर्क को भी गलत बता रहे हैं। लोगों का कहना है कि चरित्र को लेकर कोई सवाल नहीं है। सवाल उसके चित्रण पर है। लोगों ने और क्या कहा, ये आप नीचे पढ़ सकते हैं…
Burai kyu nhi hai aap phir apne characters ke naame bhi kuch or rakh lete jab apne ramayan ke patro ko liya hai toh unka charitra chitran bhi vaisa hi hona chahiye.
Jo prakhand gyaani tha shiv bhakt tha jis se seekh lene ke liy bhagvaan khud apne Bhai ko bhejte hai akhir me
— Man ??Ⓜ️ (@manish_s0804) October 6, 2022
इनका व्यापार है फ़िल्म उसे कैसे ग़लत मान लें @shubhankrmishra
— Manish Shukla (@manishBJPUP) October 6, 2022
बात इनसे की जाती है चित्रण पे ये बात करते है चरित्र का, अरे भाई कहानी संवाद से नही दिक्कत, परेशानी है तो किरदारों के चित्रण से।
और जो दिक्कत है सो है आपके बयानबाजी से वो रूप नही बदल लेंगे, असल में बदलना पड़ेगा।— SIDDHARTH YADAV (@ROYAL_SIDDHARTH) October 7, 2022
मनोज जी
आपको याद हो तो कसाब जैसा दुष्ट आतंकवादी भी तिलक लगाकर और कलावा बांधकर हत्याएँ करता है तो क्या वो भी सनातन धर्म का हो गया ? ये कुतर्क करके आप अपनी छवि से भी खिलवाड़ कर रहे हैं ?
अपनी आँखें और दिमाग बंद करने से सबकी दिखाई देना बंद नहीं कर पाएंगे, ये चश्मा उतारकर देखें ?
— CA R K Inani ??®️? (@Carajeevinani) October 7, 2022
Jitna zyada aapki behudgi bhare safai sunraha hoo utni zyada lagta hai k mai aapke bare me ghalat tha.
— Mani (@Mani12211296) October 7, 2022