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इन शर्तों के साथ जून के अंत में शुरू हो सकती है टीवी शोज की शूटिंग!

शूटिंग के दौरान एक सेट पर करीब 100 लोग या उस से ऊपर होते हैं। परिस्तिथि के साथ समझौता करते हुए हमे 50 प्रतिशत यूनिट के साथ सेट पर काम करना होगा।

नई दिल्ली। सीरियल्स देखने के अगर आप भी शौकीन हैं तो आपके लिए अच्छी खबर सामने आ रही है। अगर आप सीरियल्स के पुराने एपिसोड देख-देखकर ऊब गए हैं तो बता दें कि अब जल्द सीरियल्स के नए एपिसोड शूट होने जा रहे हैं, जिससे आप नए सीरियल्स दोबारा देख सकेंगे। लॉकडाउन  की वजह से बंद पड़े सीरियल्स की शूटिंग जल्द शुरू हो सकती है।

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शूटिंग फिर से शुरू हो जाएंगी। हालांकि अगर सरकार से परमिशन मिली तो शूटिंग के दौरान प्रोड्यूसरों को कुछ जरूरी नियमों का पालन करना होगा। इसके लिए  फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉय (FWICE) ने कुछ गाइडलाइन्स भी तैयार की हैं।

बता दें कि लॉकडाउन की वजह से फिल्मी दुनिया में भी ताला लगा हुआ है। लेकिन अब FWICE की तरफ से आ रही खबर प्रोड्यूसरों को सुकून देने वाली है। न्यूज18 हिंदी से बातचीत में FWICE के प्रेसिडेंट बी एन त‍िवारी ने बताया कि हम यह फैसला डेली वेजेस वर्करों को काम देने और प्रोड्यूसर के नुकसान को देखते हुए ले रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि इसके पहले जल्द ही प्रोड्यूसर्स के साथ वर्चुअल मीटिंग कर कुछ गाइडलाइन तय करेंगे। उन्‍होंने आगे कहा कि हालांकि महाराष्‍ट्र के हालातों को देखते हुए सरकार से परमिशन मिलने की उम्‍मीद कम है, लेकिन अगर महाराष्ट्र में 50% भी हालात सुधरे तो हम सरकार को अपने प्रपोजल के साथ परमिशन मांगेंगे।

शूटिंग अगर शुरू हुई तो शर्तें कुछ इस तरह होंगी…

अगर किसी वर्कर की मौत होती है तो चैनल और प्रोड्यूसर्स उस वर्कर के परिवार को 50 लाख तक का मुआवजा दे और उनका मेडिकल खर्चा भी उठाये। एक्सीडेंटल डेथ पर तो प्रोड्यूसर्स ने 40 -42 लाख तक दिए हैं लेकिन covid 19 के लिए मिनिमम 50 लाख का कंपनसेशन रखा है, क्योंकि इससे वर्कर्स को कॉन्फिडेंस मिलेगा कि अगर उनको कुछ हो गया तो उनके परिवार को देखने के लिए उनके प्रोड्यूसर्स हैं।

FWICE के प्रेसिडेंट बीएन तिवारी ने बताया की लॉकडाउन के दौरान सीरियल्स की शूटिंग बंद कर दी गई। लेकिन अब हमें कोरोना वायरस के साथ जीने और उससे लड़ने के लिए प्रैक्टिस शुरू करनी होगी। उन्होंने कहा कि ये वायरस तो लम्बे समय तक चलने वाला है और इसकी कोई वैक्सीन भी नहीं बनी है और काम तो शुरू करना होगा क्योंकि उसके बगैर तो काम नहीं चलेगा। इसीलिए हमने सभी को ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी है। सेट पर एक इंस्पेक्टर रखेंगे जो इंस्पेक्शन करेगा कि कौन मास्क पहन रहा है और कौन नहीं। जब तक वर्कर्स के नेचर में नहीं आ जाता है तब तक वहां एक इंस्पेक्टर रहेगा।

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शूटिंग के दौरान एक सेट पर करीब 100 लोग या उस से ऊपर होते हैं। परिस्तिथि के साथ समझौता करते हुए हमे 50 प्रतिशत यूनिट के साथ सेट पर काम करना होगा। प्रोड्यूसर्स से ये भी कन्फर्म करेंगे कि बाकी की 50 प्रतिशत यूनिट शिफ्ट्स में काम करे, ताकि सबका परिवार चले। इस बातचीत में उन्होंने बताया कि सिर्फ 50 साल से ज्यादा की उम्र के मजदूरों को अभी घर में रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि कोरोना का खतरा उन पर ज्यादा है।

बीएन तिवारी ने बताया कि हॉलीवुड की तरह हम भी काम करेंगे। जैसे वहां सेट पर एम्बुलेंस होती है. जॉब लॉक न हो, इसपर हमें विचार करना है। ये तीन महीने हमारे लिए ट्रेनिंग पीरियड होंगे। उम्मीद है तीन महीने बाद सब ठीक होने लगेगा. जीतेंगे हम लोग।