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Grahan Web series Review: डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई वेब सीरीज ‘ग्रहण’, 1984 के सिख दंगों के इर्दगिर्द है कहानी

नई दिल्ली। डिज्नी प्लस हॉटस्टार की नई वेब सीरीज ग्रहण (Grahan) 24 जून को रिलीज हो चुकी है। इस वेब सीरीज की कहानी बोकारो में हुए 1984 के सिख दंगों के इर्दगिर्द बुनी गई है। इसी महीने इस वेब सीरीज का ट्रेलर रिलीज किया गया था और तभी से दर्शकों में इसके प्रति उत्‍सुकता पैदा …

नई दिल्ली। डिज्नी प्लस हॉटस्टार की नई वेब सीरीज ग्रहण (Grahan) 24 जून को रिलीज हो चुकी है। इस वेब सीरीज की कहानी बोकारो में हुए 1984 के सिख दंगों के इर्दगिर्द बुनी गई है। इसी महीने इस वेब सीरीज का ट्रेलर रिलीज किया गया था और तभी से दर्शकों में इसके प्रति उत्‍सुकता पैदा हो गई थी।

grahan

हिंदी भाषी क्षेत्र के लोगों में ग्रहण को लेकर उत्‍सुकता की मुख्‍य वजह थी, इस कहानी का एक चर्चित उपन्‍यास से प्रे‍रित होना। डायरेक्टर रंजन चंदेल की यह वेबसीरीज हिंदी लेखक सत्‍य व्‍यास की किताब चौरासी से प्रेरित है।

चौरासी से ग्रहण बनी इस कहानी में अनगिनत बदलाव किए गए हैं और शायद यही वजह है कि इस ग्रहण को चौरासी से प्रेरित कहा गया है ना कि आधारित। पुस्‍तक पढने के बाद इस कहानी को पर्दे पर देखने वाले समझ जाएंगे कि पन्‍ने से पर्दा कितना अलग है।

ऋषि बने अंशुमन पुष्कर, पवन मल्होत्रा, मनु बनीं वमिका गब्बी, सहीदुर रहमान, टीकम जोशी जैसे कलाकारों से सजी ये वेबसीरीज रोमांच से भरी है। मुक्काबाज अदादारा जोया हुसैन ने ग्रहण में अहम किरदार निभाया है। उपन्यास की कहानी में 1984 के बोकारो शहर और उस शहर में हुए सिक्खों के संहार की पृष्ठभूमि में मनु और ऋषि के प्यार की कहानी थी और खास बात ये है कि पर्दे पर ही कहानी की आत्मा ये प्रेम कहानी ही है।

हालांकि कहानी को पटकथा में बदलते समय राजनीति, सस्पैंस और थ्रिल के दृश्‍य डाले गए हैं। आठ एपिसोड वाली ये कहानी बोर तो नहीं करती है लेकिन कहीं कहीं खिंची हुई जरूर नजर आती है। कहीं लंबे-लंबे सीन बेचैन करने लगते हैं।

इस वेबसीरीज को खास बनाते हैं इसके बेहतरीन डायलॉग्स। “हमला करने वाला दंगाई होता है, हिन्दु या मुस्लिम नहीं।”, “राजनीति में कुछ बदलता नहीं है, टलता है और माहौल देखकर इतिहास अपने आप को दोहराता है।”, “राजनीति किसी के तरीके से नहीं चलती, उसकी अपनी चाल होती है।”, हम अक्सर दुनिया में चीजों को काले और सफेद में देखते हैं, पर सच उसके बीच का रंग होता है।” जैसे डायलॉग शानदार हैं।