नई दिल्ली। महिलाएं खेलने की वस्तुएं बन गई हैं?, महिलाओं की सुरक्षा बस हवा हवाई है?…ये सवाल इसलिए क्योंकि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के लगातार जो मामले सामने आ रहे हैं उन्हें देखकर तो यही कहा जा सकता है कि महिलाओं के लिए की सुरक्षा की बात सिर्फ कहने के लिए है। एक के बाद एक वहशी दरिंदे महिलाओं और बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं। उनपर एसिड से अटैक कर रहे हैं। यहां तक की स्कूल की बच्चियों को भी बख्शा नहीं जा रहा। आखिर क्यों इन अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। शायद इसलिए ही क्योंकि कानून व्यवस्था कमजोर है, अगर हां तो इन कानूनों को मजबूत बनाने की जरूरत है…
बीते दिनों ही एक मामला सामने आया था जहां द्वारका के पास एक स्कूल जा रही एक बच्ची पर बाइक सवार युवक ने एसिड फेंका गया था। इस घटना में बच्ची झुलस गई थी जिसके बाद उसे दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने घटना में शामिल एक आरोपी को धर दबोचा था लेकिन सवाल यही है कि आखिर कब तक बच्चियां और महिलाएं यूं ही लोगों के निशाने पर आती रहेंगी…
अब इस घटना पर चुप्पी साधने को लेकर बॉलीवुड निशाने पर है। लोग इस बात को लेकर गुस्सा जता रहे हैं कि आखिर क्यों बॉलीवुड इस तरह की घटनाओं पर चुप्पी साध लेता है। खासकर एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को इसके लिए ट्रोल किया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि दीपिका कैसे चुप बैठी है जिसने खुद एसिड सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल पर फिल्म की थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दीपिका पादुकोण की कुछ वक्त पहले एक फिल्म आई थी जिसमें वह एसिड पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल का किरदार निभाते हुए नजर आई थी। इसी को लेकर लोग नाराजगी जता रहे हैं कि आखिर क्यों दीपिका पादुकोण द्वारका में इस एसिड अटैक मामले पर चुप बैठे हैं जब वो खुद इस तरह की फिल्मों को करके लोगों को जागरूक कर रही थी। अब जब द्वारका में बच्ची पर एसिड फेंकने का मामला आया है तो इस पर वो आवाज क्यों नहीं उठा रही…
आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब दीपिका पादुकोण का नाम किसी विवाद में फंसा हो। इससे पहले भी कई बार एक्ट्रेस विवादों में रही है। साल 2018 में जब दीपिका पादुकोण की फिल्म पद्मावत रिलीज हुई थी, तो इस फिल्म का करणी सेना ने जमकर विरोध किया था।फिल्म के खिलाफ कई जगह पर आगजनी हुई थी। पहले इस फिल्म का नाम पद्मावती था लेकिन बाद में विरोध के बाद इसे बदलते हुए पद्मावत किया गया। साल 2020 में आई फिल्म छपाक जिसमें दीपिका पादुकोण एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की भूमिका में नजर आई थी। उस वक्त भी काफी बवाल हुआ था। दरअसल लक्ष्मी अग्रवाल एसिड अटैक सरवाइवर के साथ ही एक सोशल वर्कर भी हैं। इस फिल्म की रिलीज से पहले दीपिका छात्रों के सपोर्ट के लिए जेएनयू पहुंची थी जिसके बाद उनका जमकर विरोध हुआ था। हालांकि फ़िल्म पर इस विरोध का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। अब देखना होगा कि दीपिका की आने वाली फिल्म पठान पर इसका क्या असर पड़ता है।