मुंबई। एक तरफ ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म को लेकर देशभर में लव जिहाद के खिलाफ आवाज उठ रही है तो वहीं मुंबई से एक और लव जिहाद का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार मुंबई के खिंडीपाड़ा भांडुप में 13-14 वर्षीय मासूम को बहला फुसलाकर लव जिहाद का शिकार बनाया गया है। बीजेपी के पूर्व सांसद किरीत सोमैया ने ट्विटर पर एक पोस्ट साझा किया है जिसके मुताबिक कथित तौर पर खिंडीपाड़ा स्थित हेयर कटिंग सैलून में कार्यरत 24 वर्षीय सैफ खान ने 13 वर्षीय 8 माह की हिंदी बालिका को बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया।
इसके बाद सैफ उसे अपने गृहनगर आजमगढ़ ले गया और उसके बाद उस नाबालिग लड़की से उसका फ़ोन भी छीन लिया। किसी तरह से लड़की ने जब पिता को इस बारे में सूचना दी तो 5 दिनों के बाद मुंबई पुलिस की मदद से सैफ और उस लड़की का पता लगाया गया। इसके बाद आनन-फानन में पुलिस दोनों को मुंबई लेकर पहुंची। इसके बाद इस मामले में पुलिस ने एक गिरफ्तारी भी के है। पूर्व सांसद सोमैया ने बताया कि उन्होंने जाकर लड़की के पिता से और लड़की से मुलाक़ात भी की है।
13 year old minor Hindi speaking girl lured away by 24 year old Hair cutting helper to Azamgarh in UP, from Khindipada in Bhandup, Mumbai | Police traced & brought them back. BJP leader Kirit Somaiya today met the ‘live jihad’ victim family. pic.twitter.com/ti0zeP2TuZ
— MUMBAI NEWS (@Mumbaikhabar9) May 23, 2023
बता दें कि देशभर में फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के सामने आने के बाद लव जिहाद के विरुद्ध आवाजें उठ रही हैं। लोग ये सवाल कर रहे हैं कि आखिर जब हिंदू किसी मुस्लिम लड़की के साथ इस तरह धोकेबाजी नहीं करते हैं फिर मुस्लिमों का नाम ही हिन्दुओं की लड़कियों के साथ लव जिहाद में क्यों जुड़ रहा है। इसको लेकर खूब विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। बता दें कि लव जिहाद को लेकर इसको लेकर अलग अलग राज्यों में अलग अलग कानून हो सकते हैं, वहीं अगर बात करें उत्तर प्रदेश की तो यूपी के पूर्व महाधिवक्ता व पूर्व सांसद विजय बहादुर सिंह (वरिष्ठ अधिवक्ता, हाई कोर्ट इलाहाबाद) ने कहा कि यदि दो अलग-अलग धर्मों के लोग विवाह करते हैं तो इस बात की पुष्टि की जाएगी कि यह विवाह प्रलोभन देकर या कपटपूर्ण तरीके से तो नहीं किया गया है। यदि लड़की का धर्म परिवर्तन सिर्फ विवाह के लिए किया गया है तो उस शादी को शून्य घोषित किया जाएगा। यह अपराध गैर-जमानती होगा। इसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी स्तर का मजिस्ट्रेट ही करेगा। जबरदस्ती विवाह के लिए धर्म परिवर्तन के मामले में पांच वर्ष की सजा और 15 हजार रुपये तक के जुर्माने की भी सजा का प्रावधान है।