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Mount Kilimanjaro: हैदराबाद के विराट चंद्रा ने रचा इतिहास, किया अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो पर ‘विराट’ फतह, लहराया तिरंगा

Mount Kilimanjaro: कहा जाता है कि अगर इंसान कुछ करने का ठान ले तो वो क्या नहीं क्या कर सकता। इस बात का उदाहरण हाल ही में तेलंगाना में देखने को मिला है। जहां सिर्फ 7 साल के लड़के ने अपनी इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने की कोशिश से एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। हैदराबाद (Hyderabad) के विराट चंद्रा (Virat Chandra) के नाम के एक बच्चे ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत पर फतह हासिल की है।

नई दिल्ली। कहा जाता है कि अगर इंसान कुछ करने का ठान ले तो वो क्या नहीं क्या कर सकता। इस बात का उदाहरण हाल ही में तेलंगाना में देखने को मिला है। जहां सिर्फ 7 साल के लड़के ने अपनी इच्छाशक्ति और कुछ कर गुजरने की कोशिश से एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। हैदराबाद (Hyderabad) के विराट चंद्रा (Virat Chandra) के नाम के एक बच्चे ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत पर फतह हासिल की है। सात साल के बच्चे विराट ने अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो (Mount Kilimanjaro) पर चढ़ाई कर भारत का तिरंगा फहराया है, जो देश के लिए गौरव भरा क्षण रहा।

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बता दें कि विराट के इस अभियान का नेतृत्व भरत नाम के कोच ने किया। विराट को इसकी 75 दिनों की कड़ी ट्रेनिंग मिली। जिसके बाद उन्होंने 5 मार्च को चढ़ाई शुरू की और 6 मार्च को अपने कोच भरत थामिनी के साथ अफ्रीकी पर्वत के शिखर पर पहुंचे। भरत ने बताया, ”हमने इसे लेकर सभी सावधानियां बरतीं और फैसला किया कि अगर विराट असहज महसूस करेंगे तो हम वापस लौट आएंगे लेकिन उन्होंने हमें गर्व महसूस कराया। जब हम किलिमंजारो पर चढ़ाई करने के लिए पर्वतारोहियों को ट्रेनिंग देते हैं, मैंने उनमें से कइयों को पीछे हटते हुए देखा है।”

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माउंट किलिमंजारो के बारे में कहा जाता है कि वो तंजानिया की ऐसी चोटी है जहां ठंड की वजह से अच्छे-अच्छे पर्वतारोही भी घबरा जाएं, लेकिन सात साल के इस नन्हे बच्चे ने इस पर जीत हासिल की और देश का नाम रोशन किया।

7 साल के विराट दूसरी क्लास में पढ़ते हैं। उन्हें स्केटिंग और क्रिकेट खेलने का शौक है। उनका कहना है कि वो हर दिन 6 किलोमीटर की दौड़ लगाते हैं और योग भी करते हैं। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि अपने इस फैसले और रुचि के बारे में उन्होंने अपने माता-पिता से बात की थी, जिसमें उनके पैरेंट्स ने उन्हें सपोर्ट किया। फिर ट्रेनिंग के लिए भरत सर से संपर्क किया गया था।