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Uttar Pradesh: यूपी में कोरोना की रफ्तार हुई सुस्त, पिछले 24 घंटे में 700 नए मामले

Uttar Pradesh: ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट को मूल मंत्र मानते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अगुआई में उनकी पूरी टीम ने कोरोना के दूसरे चरण की जिस कठिन चुनौती का सामना किया उसके बेहतरीन नतीजे सबके सामने हैं।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोरोनावायरस (Coronavirus) के संक्रमण पर काबू पाने में काफी हद तक सफलता मिली है। आंकड़े भी इसकी तस्दीक करते हैं। ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट फामूर्ले का असर होने लगा है। इसी कारण सोमवार को कोरोना के नए मामले 1000 से भी कम होकर महज 700 सौ पहुंच गये हैं। राज्य सरकार से मिली जानकारी के अनुसार 24 घंटे में टेस्ट 3.10 लाख टेस्ट किए गये हैं। अब राज्य में कोरोना के नए मामले महज 700 बचे हैं। अब सिर्फ मेरठ लखनऊ और गोरखपुर में 600 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। प्रदेश के किसी जिले में 100 से अधिक केस नहीं आए 2 जिलों में कोई केस नहीं आया 45 जिलों में सिंगल डिजिट में केस शेष में डबल डिजिट में मामले आए हैं। अब राज्य में कुल 15600 सक्रिय केस बचे हैं। इसके अलावा 2860 लोग डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। साथ ही यहां पर 5 करोड़ से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। इसके अलावा यहां पर 2.02 करोड़ टीकाकरण भी हो चुका है।

सक्रिय रोगियों की संख्या मात्र 37 दिनों में 90 फीसद से अधिक घट गई है। 30 अप्रैल को यह 3 लाख 10 हजार 783 थी। अब यह संख्या घटकर 17, 928 पर आ गई है। रिकवरी रेट लगातार सुधरते हुए करीब 98 फीसद तक पहुंच गई। ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट को मूल मंत्र मानते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अगुआई में उनकी पूरी टीम ने कोरोना के दूसरे चरण की जिस कठिन चुनौती का सामना किया उसके बेहतरीन नतीजे सबके सामने हैं। पहले चरण की तुलना में 30 से 50 फीसद संक्रामक कोरोना के दूसरे चरण को बैकफुट पर लाने के साथ योगी सरकार तीसरे चरण पर जीत का पुख्ता इंतजाम कर रही है।

CM Yogi Adityanath

ये संभावना जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर के प्रति बच्चे अपेक्षाकृत अधिक संवेदनशील होंगे। लिहाजा तैयारियों के केंद्र में भी बच्चे ही हैं। इस बाबत सीएम योगी का साफ निर्देश है कि सभी मेडिकल कॉलेजों में पीआईसीयू (पीकू) और एनआईसीयू की स्थापना को तेजी से पूरा किया जाए। इनमें 100-100 बेड के पीआईसीयू और 50- 50 बेड के एनआईसीयू भी हों। इसी तरह जिला अस्पताल और सीएचसी स्तर पर भी मिनी पीआईसीयू (पीकू) स्थापित किए जा रहे हैं। ये सारे काम और जरूरत पर इनके लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रशिक्षण के कार्यक्रम तेजी से चल रहे हैं।

कोरोना को जीतने का सबसे प्रभावी हथियार टीकाकरण ही है। इस क्रम में अब तक प्रदेश में वैक्सिन के 2 करोड़ 34 से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं। जून में एक करोड़ से अधिक टीकाकरण का लक्ष्य है। सोमवार से महिलाओं के लिए जिला अस्पताल और संयुक्त जिला चिकित्सालयों में टीकाकरण के अलग बूथ होंगे। जिनके बच्चे 12 साल से कम हैं उनके, मीडियाकर्मियों व उनके परिजनों और संक्रमण के प्रति संवेदनशील वर्गों के लिए फोकस्ड वैक्सिनेशन का निर्देश पहले ही सीएम योगी की ओर से दिया जा चुका है। यह हो भी रहा है।