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Maharashtra: नारायण राणे ने तो गलत बात की, लेकिन क्या उद्धव सरकार और शिवसेना भी हो गई है असहिष्णु?

Maharashtra: वहीं नासिक में बीजेपी के दफ्तर में शिवसैनिकों ने घुसकर तोड़फोड़ की। सांगली में शिवसैनिकों ने नारायण राणे के पोस्टर पर कालिख पोती है। औरंगाबाद में भी राणे के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। जबकि, चिपलूण में राणे के जन आशीर्वाद यात्रा में भी हंगामे की खबर है।

मुंबई। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने नासिक जिले में बयान दे दिया कि वह सीएम उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मार देते। ऐसा कहने पर पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस की टीम उन्हें गिरफ्तार करने रवाना कर दी गई, लेकिन साथ ही महाराष्ट्र में सरकार चला रही शिवसेना के कार्यकर्ता जगह-जगह हुड़दंग और गुंडागर्दी करने पर उतारू हो गए। सवाल ऐसे में ये है कि नारायण राणे का बयान तो गलत है ही, लेकिन शिवसैनिकों को जो करने की छूट दी जा रही है, वो कितनी जायज है ? हालत ये है कि युवा शिवसेना कार्यकर्ताओं नारायण राणे के घर के बाहर पहुंच गए। वहां राणे समर्थकों और शिवसैनिकों में जमकर पत्थर चले। पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। बावजूद इसके गुंडागर्दी होती रही। हकीकत ये भी है कि नारायण राणे के शब्द गलत हैं, लेकिन उद्धव ठाकरे की सरकार और शिवसेना ऐसे मामलों में काफी असहिष्णु हैं। पहले भी ट्विटर वगैरा पर टिप्पणी करने पर कई लोगों को महाराष्ट्र में गिरफ्तार किया गया। साल 2020 के दिसंबर तक शिवेसना के लीगल सेल ने महाविकास अघाड़ी सरकार और उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल करने के मामलों में कई बार मुंबई पुलिस का दरवाजा खटखटाया। अप्रैल से दिसंबर 2020 तक 10 एफआईआर में कम से कम 50 आरोपी बनाए गए। इनमें जिनमें आम लोग और सोशल मीडिया अकाउंट्स शामिल हैं।

वहीं नासिक में बीजेपी के दफ्तर में शिवसैनिकों ने घुसकर तोड़फोड़ की। सांगली में शिवसैनिकों ने नारायण राणे के पोस्टर पर कालिख पोती है। औरंगाबाद में भी राणे के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। जबकि, चिपलूण में राणे के जन आशीर्वाद यात्रा में भी हंगामे की खबर है। कुल मिलाकर राणे के एक गलत बयान के मसले पर शिवसैनिक भी कुछ कम गलत करते नहीं दिख रहे हैं।

इससे पहले भी महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने नारायण राणे के जन आशीर्वाद यात्रा को रोकने के लिए कई मुकदमे दर्ज किए थे। कोरोना नियमों के उल्लंघन और महामारी एक्ट के तहत पांच-छह जिलों में राणे और कार्यकर्ताओं के खिलाफ 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज किए गए। सवाल ये है कि जब महाराष्ट्र सरकार कह रही है कि सीएम उद्धव के खिलाफ अपशब्द इस्तेमाल करने में राणे के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होगी, तो फिर शिवसैनिकों को राणे और बीजेपी के खिलाफ मैदान में उतरकर हुड़दंग करने क्यों दिया जा रहा है ? यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी शिवसैनिक कई बार कानून को इसी तरह धता बताकर तोड़फोड़ करते रहे हैं।