श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को जो फिजा दिखी, वैसी 1990 के बाद अब तक नहीं देखी गई थी। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह को मनाने के लिए बड़ी तादाद में लोग उमड़े। जहां पहले स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर सबकुछ बंद रहता था, उस श्रीनगर में लोग हंसते-खिलखिलाते दिख रहे थे। बख्शी स्टेडियम में स्वतंत्रता दिवस समारोह को देखने और उसमें शामिल होने के लिए लोगों की कतारें लगी थीं। स्टेडियम के बाहर इन कतारों में महिलाओं की भी बड़ी तादाद थी। बख्शी स्टेडियम में जम्मू-कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने झंडारोहण किया और परेड की सलामी ली। उन्होंने कश्मीर घाटी से आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने का लोगों को भरोसा दिया। इस मौके पर तिरंगा झंडा लिए लोग बदले हुए हालात और दहशत का दौर खत्म होने पर खुशी जाहिर करते दिखे।
जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को 2019 में मोदी सरकार ने रद्द कर दिया था। इसके बाद से ही घाटी का माहौल बेहतर होता गया है। अब कश्मीर घाटी में मारे गए आतंकवादियों के जनाजे के साथ भीड़ नहीं उमड़ती। पथराव की एक भी घटना 2019 के बाद से अब तक नहीं हुई है। जबकि, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने दावा किया था कि अगर 370 खत्म हुआ, तो घाटी में खून की नदियां बहेंगी और कोई भी भारत का तिरंगा नहीं उठाएगा। लोगों ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस पर महबूबा मुफ्ती के इन दावों को झुठला दिया। जम्मू-कश्मीर के आईएएस अफसर शाह फैजल ने भी बदले हुए हालात पर हैरत जताई।
जम्मू-कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए लोग किस कदर उत्साहित थे, ये इसी से पता चलता है कि एक समय आतंकवादियों का गढ़ माने जाने वाले शोपियां, पुलवामा और अनंतनाग में भी तिरंगा लेकर लोगों का हुजूम सड़कों पर उतरा। श्रीनगर के जिस लाल चौक पर लोग आतंकियों के डर से नहीं जाते थे, वहां भी लोग हिंदुस्तान जिंदाबाद और भारत माता की जय के नारे लगाते दिखे। कुल मिलाकर जम्मू-कश्मीर में 370 खत्म होने के बाद जो बड़ा बदलाव आया है, वो यहां के लोगों ने साबित कर दिया। लोगों ने ये भी साफ कर दिया कि दहशतगर्दों से उनको कोई डर नहीं है।