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Twitter की कार्रवाई के बाद अब राहुल गांधी के इंस्टाग्राम, फ़ेसबुक अकाउंट पर भी ‘संकट’, क़ानूनों का उल्लंघन करने पर हुई शिकायत

Rahul Gandhi Facebook : NCPCR की तरफ से राहुल गांधी के फेसबुक और इंस्टाग्राम के अकाउंट को लेकर शिकायत की गई है। दरअसल दिल्ली की एक कथित रेप पीड़िता की पहचान सामने लाने को लेकर राहुल गांधी को इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।

नई दिल्ली। जब से ट्विटर ने कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट को सस्पेंड किया है, तब से कांग्रेसियों में बेचैनी देखी जा रही है। वहीं ट्विटर की इस कार्रवाई के बाद अब उनके बाकी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लेकर भी शिकायत की गई है। बता दें कि NCPCR की तरफ से राहुल गांधी के फेसबुक और इंस्टाग्राम के अकाउंट को लेकर शिकायत की गई है। दरअसल दिल्ली की एक कथित रेप पीड़िता की पहचान सामने लाने को लेकर राहुल गांधी को इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते उनका ट्विटर अकाउंट पहले ही सस्पेंड हो चुका है। ऐसे में एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने जानकारी दी कि हमने तीन दिनों के भीतर उनसे जवाब मांगा था, जिसकी अवधि आज समाप्त हो गई है। ऐसे में अगर हमें उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिलता है तो हम बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 14 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

उन्होंने कहा कि, हमें इंस्टाग्राम पर एक वीडियो अपलोड करने को लेकर शिकायत मिली है। जिसमें पीड़िता की पहचान का खुलासा किया गया है। उधर राहुल गांधी का आरोप है कि इस मामले में एकतरफा कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि आज राहुल गांधी ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक छोटा सा वीडियो डाला। इस वीडियो में राहुल ने कहा कि उनका हैंडल सस्पेंड करना देश की राजनीति में हस्तक्षेप है। एक निजी कंपनी हमारे यहां राजनीति की परिभाषा तय कर बिजनेस कर रही है। उन्होंने कहा कि ट्विटर हैंडल को सस्पेंड करने को वह देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमले की तरह देखते हैं। राहुल ने कहा कि ये मुझपर नहीं, मेरे 19-20 मिलियन फॉलोवर्स पर हमला है। ट्विटर उन्हें अपनी राय रखने से रोक रहा है।

ट्विटर पर हमला बोलने के बाद राहुल गांधी का मोदी विरोधी पुराना टेप शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र खतरे में है। हमें संसद में बोलने नहीं दिया जा रहा है। मीडिया पर कब्जा कर लिया गया है। राहुल ने कहा कि हमें लगता था कि ट्विटर के जरिए हम अपनी राय रखने की एक रोशनी देख रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है।