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Jammu-Kashmir: फारूक अब्दुल्ला और मुफ्ती के बाद अब सज्जाद लोन ने निकाली ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर अपनी भड़ास, जानिए क्या कहा…

Jammu-Kashmir: बीते दिन ही इस फिल्म को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (PDP chief Mehbooba Mufti) का बयान सामने आया था। उन्होंने फिल्म के खिलाफ बयान दिया था तो वहीं अब इस फेहरिस्त में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन का नाम भी शामिल हो गया है।

नई दिल्ली। बॉक्स ऑफिस पर जब से ‘द कश्मीर फाइल्स’ रिलीज हुई है तबसे ही राजनीति भी तेज हो गई है। फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर दर्शकों का शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है। फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने अब तक 170 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली है और कई फिल्मों को कमाई के मामले में पछाड़ दिया है। विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अनुपम खेर, पल्लवी जोशी, मिथुन चक्रवर्ती का दमदार प्रदर्शन देखने को मिला। इस फिल्म को एक ओर लोगों का भरपूर प्यार मिल रहा है तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपनी राजनीतिक छवि सुधारने के लिए इस मामले पर बयानबाजी कर रहे हैं। बीते दिन ही इस फिल्म को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (PDP chief Mehbooba Mufti) का बयान सामने आया था। उन्होंने फिल्म के खिलाफ बयान दिया था तो वहीं अब इस फेहरिस्त में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन का नाम भी शामिल हो गया है।

THE KASHMIR FILES

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को काल्पनिक बताते हुए कहा कि निर्माता फिल्म के जरिए देश को नफरत में डुबो देना चाहते हैं। सज्जाद ने ये भी दावा किया कि कश्मीरी मुसलमानों को पंडितों की तुलना में 50 गुना अधिक नुकसान हुआ है। सज्जाद ने आगे कहा, “कश्मीरी पंडितों के साथ अन्याय के बारे में कोई संदेह नहीं है। कश्मीरी मुसलमानों ने पंडितों की तुलना में 50 गुना अधिक प्रताड़ना झेली है। आप सिर्फ एक समुदाय के दर्द का दस्तावेजीकरण नहीं कर सकते। हम सब इसमें एक साथ हैं। मैंने अपने ही पिता को खो दिया है।” बता दें कि सज्जाद लोन जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री हैं।

सज्जाद लोन ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री से उन्हें (विवेक अग्निहोत्री) को राज्यसभा सांसद बनाने की अपील करता हूं। अब एक नया चलन है कि विवेक अग्निहोत्री और अनुपम खेर जैसे लोग राज्यसभा जाने के लिए बेताब हैं। उन्हें राज्यसभा भेजा जाना चाहिए, नहीं तो वे इस देश को नफरत में डुबो देंगे।”