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UP: मास्टर जी के तबादले के बाद फूट-फूट कर रो पड़े स्कूल के बच्चे, लगा लिया मास्टर जी को गले

UP: इस संसार में ईश्वर का भी सबसे पहला गुरु उसकी माँ होती है। फिर हम जब बाहरी संसार के ज्ञान-प्राप्ति के काबिल हो जाते हैं, तब हमें एक सच्चे गुरु की तलाश होती है, जो हमे शिक्षित कर सही मार्ग दिखाते हैं। वैसे तो तमाम शिक्षक आज बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं, लेकिन

नई दिल्ली। एक कविता बहुत प्रसिद्ध है ” गुरु गोविंद दोउ खड़े काके लागूं पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताय” वही गुरु, जिसने गोविन्द तक पहुचाने का मार्ग बताया हो और उसके स्कूल से तबादले के बाद सभी बच्चे मास्टर जी को पकड़कर फफक-फफक कर रोने लगे हों। जीवन मे अच्छा, बुरा, सही, गलत, सच झूठ आदि की समझ या ज्ञान के साथ हम जन्म नहीं लेते। कोई शख्स हमें इन सभी से परिचत करवाता है, उन शख्स को हम “गुरु” कहते हैं। इस संसार में ईश्वर का भी सबसे पहला गुरु उसकी माँ होती है। फिर हम जब बाहरी संसार के ज्ञान-प्राप्ति के काबिल हो जाते हैं, तब हमें एक सच्चे गुरु की तलाश होती है, जो हमे शिक्षित कर सही मार्ग दिखाते हैं। वैसे तो तमाम शिक्षक आज बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं, लेकिन कुछ शिक्षक ऐसे भी होते हैं, जो बच्चों के दिलों में इस कदर बस जाते हैं कि ता-उम्र याद रहता है।

आज हम आपको एक ऐसे शिक्षक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके स्कूल से तबादले के बाद बच्चों के आंसू रोके नहीं रुक रहे थे। बच्चों के साथ-साथ विद्यालय के अन्य शिक्षक भी भावुक थे। हम बात कर रहे हैं जनपद चन्दौली के नक्सल प्रभावित क्षेत्र रतिगढ़, चकिया स्थित कंपोजिट विद्यालय की, जहां शिवेंद्र सिंह उर्फ शिब्बू बतौर शिक्षक विद्यालय के बच्चों को शिक्षा देने का काम कर रहे थे। शिब्बू को इस स्कूल तक पढ़ाने जाने के लिए रोज दो घंटे का सफ़र बाइक से तय करना पड़ता था। शिब्बू शिक्षा देने के साथ बच्चों के विकास की दूसरी गतिविधियों को कराते रहे।

शिवेंद्र सिंह बघेल 7 सितंबर 2018 से लेकर 12 जुलाई 2022 तक यहां कार्यरत रहे। अब उनका तबादला दूसरे जिले में हो गया है। जब वह अपने स्कूल से चलने लगे तो बच्चों का प्रेम आँखों से अपने शिक्षक के लिए छलक पड़ा। शिक्षक शिवेंद्र सिंह उर्फ शिब्बू बताते हैं कि ‘बच्चों में बहुत योग्यता है, बस उन्हें निखारने की जरूरत है।’