नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियां अब लगभग पूरी हो चुकी हैं। 5 अगस्त को पीएम मोदी अयोध्या पहुंचेंगे और इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। भूमि पूजन के बाद मंदिर निर्माण का काम तेजी के साथ शुरू होगा। भूमि पूजन के कार्यक्रम को देखते हुए अयोध्या को सजाया गया है, सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं।
बता दें कि इन तैयारियों का प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अयोध्या पहुंचकर जायजा लिया था। बुधवार को दोपहर करीब 12 बजे के आसपास भूमि पूजन होना है, लेकिन उससे पहले आज ही सभी मेहमान अयोध्या पहुंच जाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से मंगलवार शाम को अयोध्या की सीमाएं सील हो जाएंगी। श्रीराम मंदिर के ट्रस्ट की ओर कुल 175 लोगों को भूमि पूजन के लिए निमंत्रण भेजा गया है, इनमें करीब 135 संत शामिल हैं जो देश के अलग-अलग हिस्सों से आएंगे। हर निमंत्रण कार्ड पर एक कोड है, जो सुरक्षा के चलते तैयार किया गया है।
ट्रस्ट की ओर से सबसे पहला न्योता इकबाल अंसारी को दिया गया, जो सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद की ओर से पक्षकार थे। इकबाल अंसारी भूमि पूजन के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत भी करेंगे। इनके साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को विशिष्ट अतिथि के तौर पर बुलाया गया है, राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई करने वाले अशोक सिंघल के परिवार के सदस्यों को भी बुलाया गया है।
कोरोना वायरस महामारी के चलते काफी सावधानी बरती जा रही है। इसलिए 90 साल से अधिक के लोगों को नहीं बुलाया जा रहा है, ऐसे में भाजपा के दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी, सुप्रीम कोर्ट में रामलला का केस लड़ने वाले के. परासरण जैसे बड़े लोग नहीं आ पाएंगे। हालांकि, इनके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था की जा रही है। इनके अलावा कल्याण सिंह, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी जैसे दिग्गज भी कोरोना संकट के कारण कार्यक्रम में नहीं पहुंचेंगे।