newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Politics: तीन दिन के चिंतन के बाद कांग्रेस ने लिए ‘नव संकल्प’, बीजेपी और PM मोदी को निशाना बनाकर खुद को सुधारने पर जोर

Politics: इसमें बीजेपी का नाम लिए बगैर उसे षड्यंत्रकारी ताकत कहा गया है और आरोप लगाया गया है कि भारत के समावेशी मिजाज के खिलाफ दुष्प्रचार कर और कुचक्र रचकर उसने सत्ता हासिल की है। देश को गहरे अंधेरे में डाल दिया है। इसके लिए नोटबंदी, जीएसटी, लॉकडाउन का हवाला दिया गया है।

नई दिल्ली। राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार से जारी तीन दिन के चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस ने आज यहां से ‘उदयपुर नव संकल्प’ का ऐलान किया है। अपने इस संकल्प में कांग्रेस ने अपना इतिहास बताने के साथ ही एक बार फिर उठकर खड़े होने का संकल्प दोहराया है। इसके लिए उसने बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी को जमकर निशाना बनाया है। पिछले दिनों कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नेताओं से त्याग करने के लिए कहा था। वही, बात इस संकल्प में भी दिखता है। संकल्प पत्र में बताया गया है कि 1947 में देश आजाद होने के बाद यहां सुई तक नहीं बनती थी। कांग्रेस ने ही भारत को तरक्की दी। संकल्प में नेहरू के अलावा सरदार पटेल को भी सराहा गया है और औद्योगिकीकरण में उनके योगदान को याद किया गया है। खास बात ये है कि संकल्प के पहले भाग में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम के बगैर उनके कई कदमों का उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी ने अधिकार संपन्न भारत को बनाया। सबको काम, भोजन का हक, शिक्षा का हक वगैरा दिलाया।

एक व्यक्ति, एक पद और एक परिवार, एक टिकट की नीति अपनाएगी कांग्रेस, चिंतन शिविर में पार्टी को फिर खड़ा करने पर हुए अहम फैसले | TV9 Bharatvarsh

इसमें बीजेपी का नाम लिए बगैर उसे षड्यंत्रकारी ताकत कहा गया है और आरोप लगाया गया है कि भारत के समावेशी मिजाज के खिलाफ दुष्प्रचार कर और कुचक्र रचकर उसने सत्ता हासिल की है। देश को गहरे अंधेरे में डाल दिया है। इसके लिए नोटबंदी, जीएसटी, लॉकडाउन का हवाला दिया गया है। साथ ही बीजेपी पर आरोप लगाया गया है कि कोरोना के दौरान उसके अहंकार को गंगा के किनारे लाशें नहीं दिखीं। इसके अलावा बेरोजगारी, महंगाई और जरूरी चीजों का नाम लेकर भी बीजेपी को घेरने की कोशिश की गई है। तीन कृषि कानून के दौरान किसानों की मौत को ‘सरकार ने बर्बरता से मारा’ बताया गया है। डॉलर के मुकाबले रुपए की हालत को भी संकल्प पत्र में कांग्रेस ने मुद्दा बनाया है। बीजेपी पर ये भी आरोप लगाया गया है कि वो देश में सांप्रदायिक टकराव की हालत बना रही है। संकल्प पत्र के दूसरे हिस्से में कहा गया है कि कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता ही उसकी ताकत हैं। तय ये हुआ है कि 90 से 180 दिन में संगठन के चुनाव राष्ट्रीय स्तर तक हो जाएं। यानी अभी कम से कम 3 महीने बाद सितंबर में कांग्रेस को उसका नया अध्यक्ष मिलेगा। इसमें मंडल स्तर पर कांग्रेस कमेटियां बनाने की बात कही गई है। इसके अलावा ये फैसले भी हुए हैं-

कांग्रेस के चिंतन शिविर का आज आखिरी दिन, राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की मांग तेज-today is the last day of congress s chintan shivir demand intensifies to make Rahul the president

-राष्ट्रीय स्तर पर जनता के विचार जानने के लिए ‘पब्लिक इनसाईट डिपार्टमेंट’ बनेगा।
-पार्टी की नीतियों, विचारधारा वगैरा से नेताओं और कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग के लिए ‘राष्ट्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट’ भी कांग्रेस बनाएगी। केरल के ‘राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज़’ से इस इंस्टीट्यूट की शुरुआत हो सकती है।
-ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के स्तर पर ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ भी बनेगा। ताकि चुनाव की तैयारी प्रभावशाली तरीके से हो।
-सभी पदाधिकारियों के काम का मूल्यांकन करने का भी पार्टी ने फैसला किया है। निष्क्रिय पदाधिकारियों की छंटनी होगी।
-एक व्यक्ति को एक ही पद मिलेगा। 5 साल बाद नए लोगों को मौका मिलेगा।
-अगर किसी के परिवार में दूसरा भी पार्टी में है, तो 5 साल के काम के बाद उसे टिकट दिया जाएगा।
-पदाधिकारियों में से 50 फीसदी की उम्र 50 साल से कम होगी।

-कांग्रेस में एससी, एसटी, ओबीसी अल्पसंख्यकों और महिलाओं को भी बराबर का मौका मिलेगा।
-पार्टी की नॉर्थ ईस्ट कोऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष को कांग्रेस वर्किंग कमेटी का स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया जाएगा। माना जा रहा है कि पूर्वोत्तर में बीजेपी की लगातार बढ़ती साख से मुकाबले के लिए ये फैसला हुआ है।
-कांग्रेस अब पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी भी बनाएगी। साथ ही हर साल पार्टी के सभी विंग और पदाधिकारियों की बैठक होगी।
-कांग्रेस ने इसके अलावा सोशल मीडिया, डेटा रिसर्च में विशेषज्ञ लाने का संकल्प भी किया है। इसकी वजह है कि बीजेपी इस मामले में बाकी पार्टियों से

काफी आगे है। राजनैतिक नव संकल्प में कांग्रेस ने कहा है कि सभी कांग्रेसजन गांधीवादी मूल्यों व नेहरू जी के आज़ाद भारत के सिद्धांत की रक्षा के लिए हर हालत में संघर्षरत रहेंगे। यानी कांग्रेसियों को मैदान में उतरने के लिए कहा गया है। इसके अलावा कहा गया है कि कांग्रेस को हर जगह जमीन पर पकड़ बनानी है और समान विचारधारा के दलों से संपर्क बनाना है। हालात देखकर गठबंधन बनाने को भी पार्टी ने मंजूरी दी है। चीन से संघर्ष के मसले पर पीएम मोदी के कुछ न बोलने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। उसने आरोप लगाया है कि बीजेपी राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है। इसके अलावा पूर्वोत्तर में अलगाववाद और उग्रवाद की बात कहकर भी बीजेपी को घेरने की कोशिश की गई है। जम्मू-कश्मीर के लोगों के बारे में कहा गया है कि बीजेपी ने उनके वोट का हक छीन लिया है।

Congress Chintan Shivir: कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा करेंगे राहुल गांधी, किस प्लान पर काम कर रही कांग्रेस? | DNA HINDI

इसके अलावा राजनीतिक संकल्प में आरएसएस पर भी निशाना साधा गया है और कहा गया है कि धर्म, भाषा, क्षेत्रवाद पर वोट बटोरने की राजनीति कांग्रेस कभी नहीं करती। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने देश के संघीय ढांचे पर हमला किया है और प्रांतों के हक का अतिक्रमण करना बीजेपी का स्वभाव बन गया है। आर्थिक समूह ने अपने संकल्प में कहा है कि रोजगार पैदा करने पर जोर होना चाहिए। बेरोजगारी के मसले पर भी बीजेपी को निशाना बनाया गया है। रोजगार पैदा करने वाली आर्थिक नीति न होने की बात कही गई है। साथ ही आर्थिक असमानता की बात भी है। सरकारी संपत्तियों के निजीकरण का मुद्दा भी कांग्रेस ने उठाया है। राहुल गांधी के आरोपों को जगह दी गई है कि बीजेपी सरकार चंद पूंजीपति मित्रों को सरकारी संपत्तियां बेच रही है। इसमें कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था और वर्कफोर्स को भविष्य की जरूरत के मुताबिक बनाना है।