नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे। जहां उन्होंने कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने काशी तमिल संगमम में आए विशाल जनसभा को संबोधित किया। वहीं, प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान पहली दफा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किया गया। जिसका जिक्र खुद प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान किया। उन्होंने कहा कि आज पहली मर्तबा इस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। मुझे पूरा यकीन है कि आगामी दिनों में यह तकनीक विस्तृत रूप धारण करेगी जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को फायदा पहुंचेगा। आइए, आगे आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में क्या कुछ कहा?
अपने संबोधन में क्या बोले पीएम मोदी ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की ये भावना उस समय भी नजर आई जब हमने संसद के नए भवन में प्रवेश किया। नए संसद भवन में पवित्र सेंगोल की स्थापना की गई है। आदीनम् के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल 1947 में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना का यही…
‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की ये भावना उस समय भी नजर आई जब हमने संसद के नए भवन में प्रवेश किया। नए संसद भवन में पवित्र सेंगोल की स्थापना की गई है।
आदीनम् के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल 1947 में सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था।
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उन्होंने कहा कि, ”काशी तमिल संगमम’ की आवाज पूरे देश में, पूरी दुनिया में जा रही है। मैं इस आयोजन के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों को, यूपी सरकार को और तमिलनाडु के सभी नागरिकों को बधाई देता हूं।
‘काशी तमिल संगमम’ की आवाज पूरे देश में, पूरी दुनिया में जा रही है।
मैं इस आयोजन के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों को, यूपी सरकार को और तमिलनाडु के सभी नागरिकों को बधाई देता हूं।
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पीएम मोदी ने कहा कि, ‘एक बार काशी के विद्यार्थी रहे सुब्रमण्य भारती ने लिखा था- “काशी नगर पुलवर् पेसुम् उरैताम् कान्चियिल् केट्पदर्कु ओर् करुवि सेय्वोम्” वो कहना चाहते थे कि काशी में जो मंत्रोच्चार होते हैं, उन्हें तमिलनाडु के कांची शहर में सुनने की व्यवस्था हो जाए तो कितना अच्छा होता। आज सुब्रमण्य भारती जी की वो इच्छा पूरी हो रही है।
एक बार काशी के विद्यार्थी रहे सुब्रमण्य भारती ने लिखा था-
“काशी नगर पुलवर् पेसुम् उरैताम् कान्चियिल् केट्पदर्कु ओर् करुवि सेय्वोम्”वो कहना चाहते थे कि काशी में जो मंत्रोच्चार होते हैं, उन्हें तमिलनाडु के कांची शहर में सुनने की व्यवस्था हो जाए तो कितना अच्छा होता।
आज सुब्रमण्य…
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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, ‘तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है, महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना। तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है- मदुरै मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना।इसीलिए,तमिलनाडु और काशीवासियों के बीच हृदय में जो प्रेम है, जो संबंध है, वो अलग और अद्वितीय है।
तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है, महादेव के एक घर से उनके दूसरे घर आना।
तमिलनाडु से काशी आने का मतलब है- मदुरै मीनाक्षी के यहां से काशी विशालाक्षी के यहां आना।इसीलिए,तमिलनाडु और काशीवासियों के बीच हृदय में जो प्रेम है, जो संबंध है, वो अलग और अद्वितीय है।
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