नई दिल्ली। कोरोना की रफ्तार देश में तेजी के साथ बढ़ती जा रही है, ऐसे में की राज्यों ने इसके प्रसार को रोकने के लिए अपने स्तर पर फिर से लॉकडाउन की घोषणा की है। हालांकि ये लॉकडाउन पहले की तरह अधिक समय के लिए नहीं हैं। इसको लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि, कम समय के लिए लागू किए लॉकडाउन से कोई फायदा नहीं होगा।
बता दें कि डॉ. रणदीप गुलेरिया ने अपनी असहमति जताते हुए कहा कि कम समय के लिए लगाए जाने वाले लॉकडाउन से कोरोना की रफ्तार को रोक पाने में कोई मदद नहीं मिलेगी। अगर कोरोना की चेन को तोड़ना है तो राज्यों को कम से कम 14 दिन के लिए लॉकडाउन करना ही होगा।
राज्यों में कोरोना की हालत और खराब होते देख यूपी में 55 घंटे के लिए पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया है तो वहीं महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने भी पुणे में 10 दिन लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है।
एसीबीआई की ओर से आयोजित इकॉनामिक कॉन्फ्रेंस में कोरोना के बारे में बात करते हुए एम्स डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि देश में इस समय कोरोना पीक पर है और अगले कुछ हफ्तों में कई राज्यों में इसमें सुधार दिखाई देगा तो कुछ में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती दिखेगी। गुलेरिया ने माना कि कोरोना के आंकड़ों में अभी कमी आने में काफी वक्त लग सकता है। गुलेरिया का बयान ऐसे समय में आया है जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या महज तीन दिनों में 1 लाख के आंकड़े को पार गई है।
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अनलॉक में मिली छूट का लोग गलत फायदा उठा रहे हैं और लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पूरी तरह से छोड़ दिया है। प्रशासन को कोरोना क्लस्टर्स और कंटेनमेंट इलाकों में लगातार नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे शहर में लॉकडाउन करने से कोई फायदा नहीं होगा। सरकार को कंटेनमेंट इलाकों की पहचान कर वहां पर लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराना चाहिए।