बारामती। महाराष्ट्र के बारामती को एनसीपी के नेता शरद पवार का गढ़ माना जाता है। शरद पवार बारामती से लगातार काफी वोटों के अंतर से चुनाव जीतते रहे हैं। अब उसी बारामती से उनके भतीजे और एनसीपी में टूट कराने वाले अजित पवार ने अपने चाचा को चुनौती दी है। बारामती में रविवार को अजित पवार ने एनसीपी के अपने गुट के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में चाचा शरद पवार को चुनौती दी। अजित ने अपने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से साफ कह दिया कि उनके और शरद पवार के साथ रहने से नहीं चलेगा। अजित ने कहा कि इधर भी और उधर भी, ऐसा नहीं चलने वाला। अजित ने साफ कहा कि जिनको मेरे साथ रहना है, वो रहें और जिनको उस तरफ (शरद पवार खेमे) जाना है, वो उधर खुशी से चले जाएं।
अजित पवार ने इसके बाद अपने चाचा शरद पवार का नाम लिए बगैर उनपर निशाना साधा। अजित पवार ने कहा कि मैंने तो 60 साल की उम्र में अलग होने का फैसला किया, लेकिन उन्होंने (शरद पवार) तो 38 साल की उम्र में वसंत दादा पाटिल से खुद को अलग कर लिया था। अजित ने आगे कहा कि सब लोग ये समझें कि मैं जो काम कर सकता हूं, वो कोई और नहीं कर सकता। उन्होंने ये भी कहा कि दूसरा जो नहीं कर सकता, तुम लोगों के वो काम मैं करूंगा। अजित पवार ने आगे शरद पवार पर तंज कसते हुए कहा कि हम अपने बुजुर्गों से कहते हैं कि काम करने के लिए हम हैं, आप आराम करो। अजित ने कहा कि बुजुर्गों से हम कहते हैं कि हमको आप अपना अनुभव दीजिए। यही मैंने करने की कोशिश की। अजित ने कहा कि 53 में से 43 एनसीपी विधायक उनके साथ हैं। सही फैसला मैंने किया, इसी वजह से ये लोग मेरे साथ आए।
अजित पवार ने कहा कि आज के बाद मेरी सुनो और किसी और की मत सुनना। बाकी लोगों की बात कई साल से सुन रहे हो। सत्ता में मैं हूं इसलिए काम कर सकता हूं। उन्होंने दावा किया कि ऐसा काम करके दिखाएंगे कि सब देखते रह जाएंगे। बता दें कि कुछ महीने पहले अजित पवार ने शरद पवार से बगावत की थी। उनके साथ एनसीपी के तमाम बड़े नेता आ गए थे और इसके बाद अजित पवार ने महाराष्ट्र में दूसरे डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी। फिलहाल अजित और शरद पवार के बीच एनसीपी पर कब्जे को लेकर चुनाव आयोग में जंग जारी है।