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Petty Politics: पिछड़ों ने दिखाया ठेंगा तो अखिलेश यादव को फिर याद आए यादव और मुस्लिम, MLC चुनाव में दिए टिकट

कुल 35 सीटों पर चुनाव होना है और अखिलेश की पार्टी की ओर से इनमें से 21 सीटों पर यादवों को टिकट दिया गया है। जबकि, 4 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी सपा की ओर से मैदान में होंगे। खास बात ये भी है कि सपा ने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते हुए यादव कैंडिडेट के नाम के साथ यादव नहीं लगाया है।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुंह की खाने के बाद समाजवादी पार्टी यानी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर यादव-मुस्लिम के अपने पुराने फॉर्मूले को अपनाया है। यूपी में स्थानीय प्राधिकारी सीटों के तहत विधान परिषद सदस्यों यानी एमएलसी का चुनाव होने जा रहा है। इसके लिए अखिलेश यादव ने सबसे ज्यादा यादव और मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं। कुल 35 सीटों पर चुनाव होना है और अखिलेश की पार्टी की ओर से इनमें से 21 सीटों पर यादवों को टिकट दिया गया है। जबकि, 4 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी सपा की ओर से मैदान में होंगे। खास बात ये भी है कि सपा ने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते हुए यादव कैंडिडेट के नाम के साथ यादव नहीं लगाया है।

टिकट बंटवारे में सामाजिक समीकरण की बात करें, तो सपा ने 4 ब्राह्मणों को भी एमएलसी चुनाव का टिकट दिया है। जबकि, गैर यादव वर्ग की बात करें, तो कुर्मी, प्रजापति, जाट, शाक्य और क्षत्रिय के 1-1 उम्मीदवारों को उसने मैदान में उतारा है। बता दें कि सपा ने विधानसभा चुनाव में गैर यादव नेताओं को बीजेपी से तोड़ा था। इनमें धर्म सिंह सैनी, दारा सिंह चौहान और स्वामी प्रसाद मौर्य बड़े नेता थे। सपा ने विधानसभा चुनाव में गैर यादव पिछड़ों को टिकट भी काफी दिए थे। अखिलेश को लग रहा था कि सबसे ज्यादा आबादी होने की वजह से पिछड़ों को पाले में करके वो चुनाव जीत लेंगे, लेकिन उनका सपना अधूरा रह गया।

cm yogi and akhilesh yadav

पिछली बार इन 36 एमएलसी सीटों पर सपा के जितने उम्मीदवार जीते, उनमें से ज्यादातर यादव ही थे। इस बार भी यादवों पर ही अखिलेश ने भरोसा जताया है। सपा सत्ता में नहीं है। ऐसे में बीजेपी को इन चुनावों में उसके मुकाबले काफी मजबूत माना जा रहा है। ये चुनाव अप्रैल में होने हैं और बीजेपी इन चुनावों को जीतकर अपना दम-खम एक बार फिर साबित करने की पूरी कोशिश में लगी है।