लखनऊ। समाजवादी पार्टी यानी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आखिर मान लिया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र उनको मिल गया है। अखिलेश यादव ने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के नाम पत्र अपने एक्स अकाउंट पर जारी किया और निमंत्रण के लिए उनको धन्यवाद दिया। अखिलेश यादव ने प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सकुशल होने की इच्छा जताते हुए चंपत राय को हार्दिक शुभकामनाएं भी दी, लेकिन ये भी कह दिया कि वो भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर नहीं जाएंगे। अखिलेश यादव ने चंपत राय के नाम लिखी चिट्ठी में कहा है कि वो बाद में अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन करने पहुंचेंगे। देखिए अखिलेश यादव की वो चिट्ठी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 13, 2024
इससे पहले अखिलेश यादव ने दो बार इसी निमंत्रण पर मीडिया के सवाल करने पर अलग-अलग दो बयान दिए थे। अखिलेश यादव ने पहली बार कहा था कि वो निमंत्रण देने वाले को नहीं पहचानते और राम जब बुलाएंगे, तब जाएंगे। अखिलेश यादव ने इस बारे में मीडिया के दूसरी बार सवाल करने पर कहा था कि उनको कोई निमंत्रण नहीं मिला है। इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण बांट रहे विश्व हिंदू परिषद वीएचपी के कार्यकारी अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने शनिवार को ही स्पीड पोस्ट की वो रसीद जारी की थी, जिससे अखिलेश को निमंत्रण पत्र भेजा गया था। इस रसीद के जारी होने के बाद अखिलेश यादव ने चंपत राय को चिट्ठी लिखी और माना कि उनको निमंत्रण पत्र मिल गया है। देखिए आलोक कुमार ने कैसे अखिलेश के लिए रसीद को एक्स पर सार्वजनिक किया था।
श्री @yadavakhilesh ने मीडिया से कहा है कि उनको अयोध्या के श्री रामजन्मभूमि मंदिर में भगवान् की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण अभी नहीं मिला है। श्री यादव ने यह भी कहा है कि अगर उनको निमंत्रण पत्र के डिस्पैच होने के नंबर इत्यादि मिल जाए तो वह निमंत्रण को ढुँढ़वा लेंगे। श्री अखिलेश… pic.twitter.com/5sZtdEHW6i
— Alok Kumar Sr. Advocate (@AlokKumarLIVE) January 13, 2024
अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह है। इसके लिए 8000 विशिष्ट अतिथियों को निमंत्रण भेजा गया है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती को भी न्योता दिया गया है। इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को भी निमंत्रण पत्र भेजा था, लेकिन तीनों ने ही इसे बीजेपी और संघ परिवार का सियासी कार्यक्रम बताकर आने से मना कर दिया। वहीं, अखिलेश की चिट्ठी इस मायने में अलग है कि उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभकामनाएं दी हैं और किसी भी तरह की राजनीति संबंधी बात इस चिट्ठी में नहीं की गई है।