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Mathura Shahi Idgah Mosque Case: मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला आज, हिंदू पक्ष ने इस मसले पर दी थी याचिका

इस मामले की सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन ने की थी और 16 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद बिल्कुल श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर से लगी हुई है। याचिका दाखिल करने वालों का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने यहां स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर को तोड़ दिया था।

प्रयागराज। मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे की याचिका पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला आने वाला है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस मयंक कुमार जैन ने की थी और 16 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद बिल्कुल श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर से लगी हुई है। याचिका दाखिल करने वालों का दावा है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने यहां स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर को तोड़ दिया था। फिर उसके ऊपर ही शाही ईदगाह मस्जिद बनवा दी थी। हिंदू पक्ष का ये भी दावा है कि प्राचीन मंदिर की मूर्तियों को तोड़कर उनको आगरा की जहांआरा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया गया। इस मामले में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान और 7 लोगों ने वकील हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन के जरिए शाही ईदगाह मस्जिद की कोर्ट कमिश्नर सर्वे की मांग की है। मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े कई केस हैं और सभी की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही चल रही है।

Mathura Shri Krishana Janm Bhoomi

 

मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के मसले पर याचिका दाखिल करने वालों का कहना है कि उसके भीतर हिंदू मंदिर से जुड़े तमाम चिन्ह अब भी हैं। याचिका दाखिल करने वालों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दलील दी है कि शाही ईदगाह मस्जिद के भीतर शेषनाग की छवि है। इसके अलावा मस्जिद में जो खंबे लगे हैं, उनमें भी हिंदू मंदिरों जैसी कलाकारी है। इनमें कमल के आकार का खंबा भी है। इसके अलावा और भी हिंदू धार्मिक प्रतीक होने की बात याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कही है। याचिकाकर्ताओं ने बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट में ये अर्जी भी दी थी कि मुस्लिम पक्ष हिंदू प्रतीक चिन्हों को नष्ट कर सकता है। इस वजह से मस्जिद में घुसने पर रोक लगाई जाए।

MATHURA

याचिकाकर्ताओं ने अदालत में अपील की है कि मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर से सर्वे कराया जाए। ताकि उनके दावों की हकीकत सामने आ सके। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के किसी भी तरह के सर्वे पर आपत्ति जताई है। बता दें कि इससे पहले वाराणसी के कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद का कोर्ट कमिश्नर सर्वे कराया था। ज्ञानवापी मस्जिद का एएसआई सर्वे भी हो चुका है। उसी तरह के एएसआई सर्वे की मांग मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद के लिए भी याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से अलग रिट पिटिशन में की है।