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Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आज इस गेमचेंजर फैसले का एलान कर सकते हैं अमित शाह, बीजेपी को होगा फायदा, विपक्षी नेता भी समर्थन में

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज ऐसा एलान कर सकते हैं, जो जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। इस एलान के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव के दौरान कम से कम 10 सीटों पर बीजेपी के पक्ष में पासा पलट सकता है। विपक्ष के कई नेताओं ने भी इस कदम के उठाए जाने पर समर्थन का एलान कर दिया है।

जम्मू। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज ऐसा एलान कर सकते हैं, जो जम्मू-कश्मीर में बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है। इस एलान के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव के दौरान कम से कम 10 सीटों पर बीजेपी के पक्ष में पासा पलट सकता है। ये एलान राज्य के पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति यानी ST का दर्जा देने का है। अमित शाह की आज राजौरी और बुधवार को बारामूला में जनसभा है। सूत्रों के मुताबिक शाह अपनी इस जनसभा में पहाड़ी समुदाय को इस दर्जे का लाभ देने का एलान कर सकते हैं। पहाड़ी समुदाय लंबे अर्से से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा था। जम्मू-कश्मीर की 10 विधानसभा सीटों पर इस समुदाय के वोटर निर्णायक भूमिका रखते हैं।


जम्मू के दौरे पर अमित शाह सोमवार रात पहुंचे हैं। राजभवन में उनसे केंद्र शासित प्रदेश के 5 समुदायों के लोगों ने मुलाकात की। इनमें गुर्जर, बकरवाल, पहाड़ी, सिख और राजपूत समुदाय के प्रतिनिधिमंडल थे। खास बात ये है कि पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की चर्चा शुरू होते ही विपक्षी दलों में इस समुदाय के नेताओं ने समर्थन देने का भी एलान किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक कफील उर रहमान ने कहा है कि सियासत बाद में और समुदाय पहले है। उन्होंने अपने समर्थकों से शाह की बारामूला रैली में हिस्सा लेने की अपील की है। रहमान ने जनसभा में जाने के लिए 20 बसों का इंतजाम भी किया है।

muzaffar beig

वहीं, राजौरी से नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता रहे मुश्ताक बुखारी ने भी पहाड़ियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने पर बीजेपी के समर्थन का एलान किया है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम मुजफ्फर बेग ने भी पहाड़ी समुदाय के लोगों के शाह की रैली में बड़ी तादाद में मौजूद रहने की अपील की है। मुजफ्फर ने कहा है कि उम्मीद है कि शाह साहब हमारी इस मांग को पूरा करेंगे। ये ऐतिहासिक फैसला होगा। मुजफ्फर बेग महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं, लेकिन उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया है।