नई दिल्ली। राजस्थान में जिस तरीके से महिलाओं के ऊपर अत्याचार हो रहे हैं वह वाकई राज्य में प्रशासनिक ढांचे के ऊपर सवाल खड़े करता है। इसके साथ ही महिला सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा जो दावे किए जा रहे हैं उनकी पोल खोलता है। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ महिलाओं के साथ कुछ युवक मारपीट करते हुए देखे जा सकते हैं। इस वीडियो में साफ तौर पर नजर आ रहा है कि कैसे युवक महिला को डंडों से पीटता है और वहां चीख पुकार मचने लगती है। राजस्थान के पाली जिले के दयाल पुरा गांव में सामने आई इस घटना पर रोहट के एक प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बामनिया ने सरकार और स्थानीय पुलिस के खिलाफ तीखी आलोचना शुरू की है। उन्होंने मुख्यमंत्री के शासन में महिला सुरक्षा की स्थिति पर सवाल उठाया है।
इस घटना ने महिला सशक्तिकरण पहल की प्रभावशीलता और महिलाओं के अधिकारों के प्रति ढीले-ढाले रवैये के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जो कांग्रेस प्रियंका गांधी के नाम पर महिला सुरक्षा को लेकर तमाम दावे करती है। जो महिला सशक्तिकरण की बातें करती है, उसके ही राज्य में किस तरीके से महिलाओं के ऊपर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। क्या अशोक गहलोत तो यह नजर नहीं आ रहा।
राजस्थान में “महिलाओं” पर “अत्याचार” देखिये?
“महिला सशक्तिकरण” हो रहा है?
“मोहब्बत” की दुकान चल रही है?
“लड़की हूँ ” लड़ सकती हूँ?यह सारे “जुमले” कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिये “पप्पू को लॉन्च” करने के लिए बनाये हैं? pic.twitter.com/HUqJC7jVXH
— Sudhir Mishra 🇮🇳 (@Sudhir_mish) August 19, 2023
ट्विटर पर, सुधीर मिश्रा नाम के एक उपयोगकर्ता ने घटना और राजस्थान में महिलाओं के अधिकारों को लेकर अपने विचार साझा किए। मिश्रा के ट्वीट ने महिला सशक्तिकरण पहल की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया और खोखले वादों के लिए सरकार की आलोचना की। उन्होंने “महिला सशक्तिकरण” कथा की प्रभावकारिता, महिलाओं के प्रति “प्यार” और सुरक्षा की वास्तविकता और क्या महिलाओं को वास्तव में बिना किसी डर के अपनी बात कहने की आजादी है, इन सब बातों के संबंध में सवाल उठाए।