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Parliament Breach Case: खालिस्तानी आतंकियों से जुड़े हैं संसद की सुरक्षा भेदने वाले आरोपियों के तार?, इस वजह से उठ रहा सवाल

संसद भवन की सुरक्षा को बुधवार को भेदने वाले आरोपियों से क्या खालिस्तानी आतंकियों के तार जुड़े हुए हैं? क्या कनाडा और अमेरिका से खालिस्तानी आंदोलन चलाने वाले सिख्स फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू से इनका कोई संबंध है? ये दो अहम सवाल अब विभिन्न वजहों से चर्चा में हैं।

नई दिल्ली। संसद भवन की सुरक्षा को बुधवार को भेदने वाले आरोपियों से क्या खालिस्तानी आतंकियों के तार जुड़े हुए हैं? क्या खालिस्तानी आंदोलन से इनका संबंध है? ये दो अहम सवाल अब उठ रहे हैं। इन दो सवालों की वजह बुधवार को संसद की सुरक्षा भेदे जाने से पहले और बाद खालिस्तानी आतंकी और सिख्स फॉर जस्टिस के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के बयान हैं। गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बीते दिनों एक वीडियो जारी किया था। उस वीडियो में खालिस्तानी आतंकी ने धमकी दी थी कि संसद भवन पर 13 दिसंबर या उससे पहले हमला किया जाएगा। इस वीडियो में पन्नू ने 2001 के संसद पर आतंकी हमले के दोषी अफजल गुरु की तस्वीर भी दिखाई थी। पन्नू की संसद पर 13 दिसंबर को हमले की धमकी के दिन ही संसद में सुरक्षा चक्र को भेदने की घटना हुई है।

gurpatwant singh pannu

संसद की सुरक्षा भेदने के संबंध में पुलिस ने सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल शिंदे नाम के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनकी गिरफ्तारी के बाद खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने इन सभी को कानूनी मदद देने के लिए 10 लाख रुपए देने का एलान भी किया है। पन्नू ने कहा है कि संसद की नींव 13 दिसंबर को हिल गई और खालिस्तान जनमत संग्रह के लिए वोटरों के रजिस्ट्रेशन के साथ और हिलती रहेगी। पन्नू के इन दोनों बयानों की वजह से ये सवाल उठ रहा है कि संसद की सुरक्षा भेदने के आरोपियों के तार खालिस्तानियों से जुड़े हैं? सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस इसकी भी जांच कर रही है।

इसके अलावा संसद के बाहर नारेबाजी करने और स्मोक बम चलाने वाली नीलम के बारे में पता चला है कि उसने किसान आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। किसान आंदोलन पर पहले ही खालिस्तानी आतंकियों से साठगांठ का आरोप लगता रहा है। ऐसे में खालिस्तानियों से इन आरोपियों के संबंध होने का शक और गहराता है। हालांकि, हर सवाल का जवाब दिल्ली पुलिस और गृह मंत्रालय की बनाई एसआईटी की जांच में सामने आना तय है।