नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी यूपी में अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं। हाल ही अयोध्या को फैजाबाद बताकर सुर्खियों में छाए रहने की जद्दोजहद में मसरूफ रहने वाले ओवैसी एक बार फिर अपने एक बायन को लेकर चर्चा में आ गए हैं। अपने आपको मुसलमानों का नुमाइंदा समझने वाले ओवैसी ने इस बार मुस्लिमों की स्थिति पर ऐसा बयान दे दिया है, जिसने एक बार फिर से सियासी पारा चढ़ा दिया है। कानपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने मुसलमानों के संदर्भ में दिए अपने बयान में कहा कि, ‘आज की तारीख में भारतीय राजनीति में मुसलमानों की स्थिति बैंड बाजा वालों जैसी हो गई है’। उन्होंने कहा कि, ‘आज की तारीख में भारत में मुसलमानों का कोई नेता नहीं है। आज मुसलमानों की हालत बैंड बाजा वालों जैसी हो गई है’।
उन्होंने आगे अपने बयान में कहा कि, ‘मुसलमानों से बैंड बाजार तो बजवाया जाता है, लेकिन उन्हें शादी में जाने से रोक दिया जाता है’। उन्होंने कहा कि, ‘कुछ ऐसी ही स्थिति भारतीय राजनीति में मुसलमानों की हो चुकी है। आज उनकी आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। आज महज ताकतवरों की आवाज ही सुनी जाती है’। उन्होंने कहा कि, ‘जिनके पास सांसद या विधायक जैसे लोग हैं, उनकी आवाज को ही तरजीह दी जाती है।’ उन्होंने आगे कहा कि, ‘मैं चाहता हूं कि मेरी तमन्ना है कि मेरे मरने के बाद प्रदेश में 100 से भी ज्यादा मुस्लिम नेता हो।’ हालांकि, उनके इस बयान में ऐस कुछ नहीं है कि जिससे हैरान हुआ जाए, बल्कि इससे पहले भी वे कई मौकों पर भारतीय राजनीति में मुस्लिमों को रिझाने के लिए इस तरह का बयान दे चुके हैं। ओवैसी ने आगे कहा, 19% मुसलमान है उत्तर प्रदेश में। उत्तर प्रदेश की जेल में 27% कैदी मुसलमान है। यह भारत सरकार का डाटा है।
19% मुसलमान है उत्तर प्रदेश में। उत्तर प्रदेश की जेल में 27% कैदी मुसलमान है। यह भारत सरकार का डाटा है: कानपुर में जनसभा को संबोधित करने के दौरान AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, उत्तर प्रदेश (26.0921) pic.twitter.com/J5RUexEjTI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 27, 2021
अब ऐसे में जब कुछ माह बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, तो ओवैसी ने ऐसे बयान देना शुरू कर दिए हैं। इससे पहले भी उन्होंने एक जनसभा के दौरान संभल को गाजियों की धरती बताया था, जिस पर खूब बवाल हुआ था। लोगों ने उनके इस बयान का का खूब विरोध किया, लेकिन अब इस तरह का बयान देकर सुर्खियों में रहने की ओवैसी की सियासी फितरत बन चुकी है।