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Jantar-Mantar: जंतर-मंतर के पास भड़काऊ नारेबाजी मामले में अश्विनी उपाध्याय को मिली जमानत

Jantar-Mantar: अश्विनी उपाध्याय इस बात से इंकार करते रहे कि उनके सामने ना तो इस तरह के नारे लगे ना ही इस कार्यक्रम के आयोजनकर्ता समूह में वह शामिल थे। आज पटियाला हाउस कोर्ट में भी अश्विनी के खिलाफ पुलिस ठोस सबूत नहीं रख पाई। जिसके बाद अदालत की तरफ से उन्हें जमानत दे दी गई। हालांकि अदालत ने अश्विनी उपाध्याय की जमानत 50 हजार के मुचलके पर दी है।

नई दिल्ली। अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन के दिन दिल्ली में ‘भारत जोड़ो’ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके लिए फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों का आह्वान किया था। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान मंच पर कई बड़े लोग मौजूद रहे। लेकिन शाम होते-होते यह कार्यक्रम विवादों से घिर गया। इस कार्यक्रम का आयोजन जंतर-मंतर पर हुआ था। वहीं नजदीक से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस वीडियो में लोगों की भीड़ एक खास समुदाय को लेकर भड़काऊ नारेबाजी करते नजर आए। इसके बाद दिल्ली पुलिस इस मामले में एक्शन में आई और भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को हिरासत में लिया गया।

Ashwani upadhyay

इसके बाद सभी को दिल्ली पुलिस के द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष पेश किया गया जहां से पुलिस ने सभी को 2 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट में यह सुनवाई मंगलवार को हुई थी। इसके बाद अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई। इससे पहले अश्विनी उपाध्याय इस बात से इंकार करते रहे कि उनके सामने ना तो इस तरह के नारे लगे ना ही इस कार्यक्रम के आयोजनकर्ता समूह में वह शामिल थे। आज पटियाला हाउस कोर्ट में भी अश्विनी के खिलाफ पुलिस ठोस सबूत नहीं रख पाई। जिसके बाद अदालत की तरफ से उन्हें जमानत दे दी गई। हालांकि अदालत ने अश्विनी उपाध्याय की जमानत 50 हजार के मुचलके पर दी है।


इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने भड़काऊ बयानबाजी मामले में अश्विनी उपाध्याय की 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी। इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस ने अश्विनी उपाध्याय, प्रीत सिंह, दीपक सिंह, दीपक कुमार, विनोद शर्मा और विनीत बाजपेयी को आरोपी बनाया था और इनकी गिरफ्तारी की थी। इससे पहले भारत जोड़ो आंदोलन की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ने बताया था कि अश्विनी उपाध्याय के नेतृत्व में ही इस विरोध प्रदर्शन को किया गया था। लेकिन उन्होंने भी इस बात को माना था कि कार्यक्रम के दौरान किसी तरह की भड़काऊ बयानबाजी या नारेबाजी नहीं की गई थी। अश्विनी उपाध्याय ने भी इस तरह की किसी भी वारदात से साफ इनकार किया था।