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Ayodhya: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रामायण कॉन्क्लेव का किया उद्घाटन, भगवान राम के जीवन को राह दिखाने वाला बताया

President Ramnath Kovind inaugurated the Ramayana Conclave : राष्ट्रपति के अलावा इस कार्यक्रम में शामिल रहे सीएम योगी ने अयोध्या में रामायण कॉन्क्लेव के उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर कहा कि, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी की नगरी अयोध्या में राष्ट्रपति मा. श्री राम नाथ कोविंद जी का मैं हृदय से स्वागत व अभिनंदन करता हूं।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज स्पेशल प्रेसिडेंशियल ट्रेन में सवार होकर लखनऊ से अयोध्या पहुंचे। वहां उन्होंने रामकथा पार्क में रामायण कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया। राष्ट्रपति ने इस मौके पर लोगों से भगवान का राम का चरित्र अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के बताए रास्ते पर चलकर ही समाज में समानता लाई जा सकती है। इस मौके पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदीबेन पटेल भी मौजूद थे। राष्ट्रपति कोविंद रामलला का भी दर्शन करेंगे। रामलला के दर्शन-पूजन करने वाले वह देश के पहले राष्ट्रपति होंगे। वहीं इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा रामकथा के महत्व के विषय में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है, “रामकथा सुंदर करतारी,
संसय बिहग उड़ावनि-हारी।” अर्थात राम की कथा हाथ की वह मधुर ताली है, जो संदेहरूपी पक्षियों को उड़ा देती है। उन्होंने कहा कि, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि रामायण और महाभारत, इन दोनों ग्रन्थों में, भारत की आत्मा के दर्शन होते हैं। यह कहा जा सकता है कि भारतीय जीवन मूल्यों के आदर्श, उनकी कहानियां और उपदेश, रामायण में समाहित हैं।

RAMNATH KOVIND

राष्ट्रपति ने इस मौके पर कहा कि, रामायण ऐसा विलक्षण ग्रंथ है जो रामकथा के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादाओं को प्रस्तुत करता है। मुझे विश्वास है कि रामायण के प्रचार-प्रसार हेतु उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास भारतीय संस्कृति तथा पूरी मानवता के हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि, रामायण ऐसा विलक्षण ग्रंथ है जो रामकथा के माध्यम से विश्व समुदाय के समक्ष मानव जीवन के उच्च आदर्शों और मर्यादाओं को प्रस्तुत करता है। मुझे विश्वास है कि रामायण के प्रचार-प्रसार हेतु उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास भारतीय संस्कृति तथा पूरी मानवता के हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

‘राम के बिना अयोध्या, अयोध्या है ही नहीं’

रामनगरी पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि, राम के बिना अयोध्या, अयोध्या है ही नहीं। अयोध्या तो वही है, जहां राम हैं। इस नगरी में प्रभु राम सदा के लिए विराजमान हैं। इसलिए यह स्थान सही अर्थों में अयोध्या है। अयोध्या का शाब्दिक अर्थ है, ‘जिसके साथ युद्ध करना असंभव हो’। रघु, दिलीप, अज, दशरथ और राम जैसे रघुवंशी राजाओं के पराक्रम व शक्ति के कारण उनकी राजधानी को अपराजेय माना जाता था। इसलिए इस नगरी का ‘अयोध्या’ नाम सर्वदा सार्थक रहेगा। रामायण में दर्शन के साथ-साथ आदर्श आचार संहिता भी उपलब्ध है जो जीवन के प्रत्येक पक्ष में हमारा मार्गदर्शन करती है। उन्होंने कहा कि, निषादराज के साथ प्रभु राम का गले मिलना और उन दोनों का मार्मिक संवाद, समरसता, सौहार्द और प्रेम की उत्कृष्टता का अनुभव कराता है। गांधीजी ने आदर्श भारत की अपनी परिकल्पना को रामराज्य का नाम दिया है। बापू की जीवन-चर्या में राम-नाम का बहुत महत्व था।

राष्ट्रपति का सीएम योगी ने किया स्वागत

राष्ट्रपति के अलावा इस कार्यक्रम में शामिल रहे सीएम योगी ने अयोध्या में रामायण कॉन्क्लेव के उद्घाटन कार्यक्रम में राष्ट्रपति के आगमन को लेकर कहा कि, मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम जी की नगरी अयोध्या में राष्ट्रपति मा. श्री राम नाथ कोविंद जी का मैं हृदय से स्वागत व अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि, 5 शताब्दियों के एक लंबे इंतजार के बाद प्रधानमंत्री जी की अनुकंपा व उनके प्रयास से अयोध्या में भगवान श्री राम जी के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। आज राष्ट्रपति जी द्वारा रामायण कॉन्क्लेव व अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ है।