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Ayodhya: सावन में झूले का आनंद ले रहे हैं रामलला, संगीत से सज रही है मंदिर की शाम

Ayodhya: उधर, मंदिर निर्माण के लिए नींव की परतों का डाला जाना जारी है। ये काम सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। नींव की कुल 45 परतें डाली जानी है। फिर उसके ऊपर मंदिर बनाने का काम शुरू होगा। ट्रस्ट ने पहले ही एलान कर दिया है कि राम मंदिर को 2023 के दिसंबर तक भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।

नई दिल्ली। रामनगरी में आजकल सावन की धूम है। सावन की इस धूम में एक तरफ मणिपर्वत का मेला है। दूसरी तरफ रामलला का अस्थायी मंदिर। इस अस्थायी मंदिर में रामलला आजकल 21 किलो वजन के चांदी के झूले में झूलने का आनंद उठा रहे हैं। शाम को मंदिर में संगीत गूंज रहा है। भगवान को यह सब कई साल बाद मिल रहा है। सावन के महीने में रामनगरी में सभी मंदिरों में झूले पर देवी-देवताओं को झुलाने का प्रचलन पहले भी रहा है। नाग पंचमी के दिन से रक्षाबंधन तक ये झूलनोत्सव चलता है। 1990 से पहले विवादित ढांचे में रामलला को झूले में बिठाया जाता था, लेकिन 1992 में ढांचा गिराए जाने के बाद जब रामलला टेंट में आ गए, तो झूलनोत्सव भी यहां बंद हो गया। अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भगवान के लिए चांदी का झूला बनवाया है। इस झूले में रामलला अपने भाइयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के साथ बैठकर झूलनोत्सव का आनंद ले रहे हैं।

RamLala

शाम को यहां संगीत का आनंद भी भगवान को दिया जा रहा है। चैती, कजरी और पद उनके समर्पण में गाए जाते हैं। कोरोना काल के कारण भक्तों की भीड़ भले ही नहीं जुटती, लेकिन दिन भर रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का आना लगा ही रहता है। नया मंदिर भी बन रहा है और उसमें गर्भगृह के ठीक पहले नृत्य मंडप भी होगा। मंदिर बन जाने के बाद इस मंडप में भगवान के लिए संगीत और भजन संध्या का आयोजन हो सकेगा।

ram mandir
उधर, मंदिर निर्माण के लिए नींव की परतों का डाला जाना जारी है। ये काम सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। नींव की कुल 45 परतें डाली जानी है। फिर उसके ऊपर मंदिर बनाने का काम शुरू होगा। ट्रस्ट ने पहले ही एलान कर दिया है कि राम मंदिर को 2023 के दिसंबर तक भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। ट्रस्ट ने ऐसी व्यवस्था भी की है कि श्रद्धालु खुद मौके पर पहुंचकर मंदिर निर्माण होते हुए देख सकते हैं।