newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Biparjoy Cyclone: चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के बीच द्वारकाधीश मंदिर में फहराए गए दो झंडे, लोगों हो रहे हैं चकित

Biparjoy Cyclone: रिपोर्ट्स की माने तो तूफान के कारण तेज हवा चल रही है। ऐसे में मंदिर के शिखर पर नया ध्वज फहराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। जिसके चलते पुराने ध्वज को नीचे छोड़ दिया गया और नए ध्वज को फहरा दिया गया।

नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ को लेकर पश्चिमी घाट और गुजरात में खासा खतरा बना हुआ है। तटीय इलाकों में तूफान का असर साफ दिखा रहा है। तेज हवाओं के साथ समुद्र में उफान आ रहा है। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, गोवा समेत कई राज्यों में चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ का असर भी दिखाने लगा है। इसी बीच गुजरात के द्वारका में एक अनोखी चीज देखने को मिली है। दरअसल द्वारका के जगत मंदिर के शिखर पर दो ध्वज फहराए गए। माना जा रहा है कि इन दो ध्वजों का तूफान से कोई न कोई कनेक्शन जरूर है। कुछ लोगों का मानना है कि ये पहली मर्तबा हुआ है तो कई लोगों का मानना है मंदिर को तूफान से बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। लेकिन घटना का असली कारण क्या है ये भी कुछ मीडिया रिपोर्ट में साफ हुआ है।

रिपोर्ट्स की माने तो तूफान के कारण तेज हवा चल रही है। ऐसे में मंदिर के शिखर पर नया ध्वज फहराने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। जिसके चलते पुराने ध्वज को नीचे छोड़ दिया गया और नए ध्वज को फहरा दिया गया। हालांकि अभी भी श्रद्धालुओं का मानना है कि ये तूफान से मंदिर की रक्षा के लिए उठाया गया कदम है। बता दें कि द्वारका में जगत मंदिर में शिखर पर रोज पांच बार ध्वज फहराया जाता है। सोमवार सुबह ही ध्वज फहराया गया। उसके बाद पहले ध्वज के नीचे दूसरा झंडा फहराया गया। मंदिर में लगे दोनों झंडे को देखकर लोगों में कयासबाजी शुरू हो गई है।

दरअसल मंदिर के शीर्ष पर ध्वज स्तंभ के ऊपर नया झंडा फहराना खतरे खाली नहीं था। चूंकि तेज हवाए चल रही है। जिससे ऊपर चढ़ना खतरनाक हो सकता है इसलिए नए ध्वज को पुराने के नीचे ही फहराया जा रहा है। बता दें कि इससे पहली बार कई बार ऐसा हो चुका है। गुजरात के मोरबी में डैम बह गया था। तब भी अतिवृष्टि के कारण दो ध्वज लगाए गए थे।