नई दिल्ली। गृह मंत्रालय (Home Ministry) के निर्देश के बाद मंगलवार को बेंगलुरु हिंसा (Bangalore Violence) के दो मामलों की जांच की कमान अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने संभाल ली है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि सोमवार को आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी ने आगजनी और हिंसा संबंधी 2 मामले दर्ज किए। ये दोनों मामले 11 अगस्त को बेंगलुरु सिटी के डीजे हल्ली और केजी हल्ली पुलिस थानों की सीमाओं में उपद्रवियों द्वारा की गई हिंसा के हैं। अधिकारी ने कहा कि दोनों मामले पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट, कर्नाटक प्रिवेंशन ऑफ डिस्ट्रक्शन एंड लॉस ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के हैं। इसके अलावा कर्नाटक पुलिस ने 12 अगस्त को 2 मामले दर्ज किए थे।
बता दें कि बेंगलुरु शहर के कवलबीरेसेंड्रा क्षेत्र में कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति (पुलकेशी नगर निर्वाचन क्षेत्र) के घर के सामने 11 अगस्त को हिंसा भड़क गई थी। कांग्रेस विधायक के भतीजे द्वारा कथित तौर पर पैगंबर के बारे में अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद एक समुदाय के लोग विरोध कर रहे थे।
इस फेसबुक पोस्ट के बाद कथित तौर पर एसडीपीआई के राज्य सचिव मुजम्मिल पाशा ने एक बैठक कर कथित तौर पर पीएफआई /एसडीपीआई के सदस्यों को भीड़ को उकसाने और हिंसा भड़काने का निर्देश दिया था, जिसके बाद डीजे हल्ली, केजी हल्ली और पुलकेशी नगर इलाके में जमकर हिंसा भड़क गई थी। इस उग्र भीड़ ने दो पुलिस स्टेशनों पर हमला किया और बड़े पैमाने पर सरकारी और निजी वाहनों सहित पुलिस स्टेशनों की संपत्ति नष्ट कर दी थी।
बेकाबू भीड़ को तितर-बितर करने पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में तीन युवक मारे गए थे। इन मामलों की जांच के लिए आईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता वाली एनआईए की टीम बेंगलुरु में डेरा डाले हुए है।