नई दिल्ली। बिहार के सियासी रण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) उतर चुके हैं। सासाराम में पहली चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने स्वर्गीय रामविलास पासवान और स्वर्गीय रघुवंश प्रसाद सिंह को याद किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरूआत भोजपुरी से की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि बिहार के लोग बड़े स्पष्ट होते हैं। मैं आपको बधाई देना चाहता हूं कि आपने चुनाव के इतने दिन पहले ही रूख स्पष्ट कर दिया है। जितने भी सर्वे आ रहे हैं सबमें यही बात है कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार आ रही है।
अहम बातें-
केंद्र सरकार ने स्वामित्व योजना की शुरुआत की है। इस योजना में सब कुछ टेक्नोलॉजी के माध्यम से हो रहा है। सारी कार्यवाही के बाद गांव के लोगों को, हर एक नागरिक का उनके घर का, उनकी जमीन का स्वामित्व कार्ड दिया जा रहा है।
सुविधा के साथ-साथ बिहार के सभी वर्गों को अधिक से अधिक अवसर देने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को अगले 10 साल तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
साथियों आज NDA के सभी दल मिलकर आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी बिहार के निर्माण में जुटे हैं। बिहार को अभी भी विकास के सफर में मीलों आगे जाना है। नई बुलंदी की तरफ उड़ान भरनी है।
जब बिहार के लोगों ने इन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया, नीतीश जी को मौका दिया तो ये बौखला गए। इसके बाद दस साल तक इन लोगों ने यूपीए की सरकार में रहते हुए बिहार पर, बिहार के लोगों पर अपना गुस्सा निकाला।
बिहार के विकास की हर योजना को अटकाने और लटकाने वाले ये लोग हैं जिन्होंने अपने 15 साल के शासन में लगातार बिहार को लूटा। आपने बहुत विश्वास के साथ सत्ता सौंपी थी लेकिन इन्होंने सत्ता को अपनी तिजोरी भरने का माध्यम बना लिया।
जब बिहार के लोगों ने इन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया, नीतीश जी को मौका दिया तो ये बौखला गए। इसके बाद दस साल तक इन लोगों ने यूपीए की सरकार में रहते हुए बिहार पर, बिहार के लोगों पर अपना गुस्सा निकाला।
बिहार के विकास की हर योजना को अटकाने और लटकाने वाले ये लोग हैं जिन्होंने अपने 15 साल के शासन में लगातार बिहार को लूटा। आपने बहुत विश्वास के साथ सत्ता सौंपी थी लेकिन इन्होंने सत्ता को अपनी तिजोरी भरने का माध्यम बना लिया।
मैं बिहार की भूमि से इन लोगों को एक बात स्पष्ट कहना चहता हूं- ये लोग जिसकी चाहे मदद ले लें, देश अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा। भारत अपने फैसलों से पीछे नहीं हटेगा।
इन लोगों को आपकी जरूरतों से कभी सरोकार नहीं रहा। इनका ध्यान रहा है अपने स्वार्थों पर, अपनी तिजौरी पर। यही कारण है कि भोजपुर सहित पूरे बिहार में लंबे समय तक बिजली, सड़क, पानी जैसी मूल सुविधाओं का विकास नहीं हो पाया।
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल-370 हटने का इंतजार देश बरसों से कर रहा था या नहीं। ये फैसला हमने लिया, एनडीए की सरकार ने लिया। लेकिन आज ये लोग इस फैसले को पलटने की बात कर रहे हैं। ये कह रहे हैं कि सत्ता में आए तो आर्टिकल-370 फिर लागू कर देंगे।
जब-जब, बिचौलियों और दलालों पर चोट की जाती है, तब-तब ये तिलमिला जाते हैं, बौखला जाते हैं। आज हालत ये हो गई है कि ये लोग भारत को कमजोर करने की साजिश रच रहे लोगों का साथ देने से भी नहीं हिचकिचाते।
मंडी और MSP तो बहाना है, असल में दलालों और बिचौलियों को बचाना है। लोकसभा चुनाव से पहले जब किसानों के बैंक खाते में सीधे पैसे देने का काम शुरु हुआ था, तब इन्होंने कैसा भ्रम फैलाया था। जब राफेल विमानों को खरीदा गया, तब भी ये बिचौलियों और दलालों की भाषा बोल रहे थे।
देश जहां संकट का समाधान करते हुए आगे बढ़ रहा है, ये लोग देश के हर संकल्प के सामने रोड़ा बनकर खड़े हैं। देश ने किसानों को बिचौलियों और दलालों से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया तो ये बिचौलियों और दलालों के पक्ष में खुलकर मैदान में हैं।
गरीब दीवाली और छठ पूजा ठीक से मना सके, इसके लिए मुफ्त अनाज की व्यवस्था की गई है। इसी कोरोना के दौरान करोड़ों गरीब बहनों के खाते में सीधी मदद भेजी गई, मुफ्त गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई।
2014 में केंद्र में सरकार बनने के बाद जितने समय बिहार को डबल इंजन की ताकत मिली, राज्य के विकास के लिए और ज्यादा काम हुआ है। राज्य को जो प्रधानमंत्री पैकेज मिला था, उसपर काम की रफ्तार भी तेज गति से आगे बढ़ रही है।
जिन लोगों ने सरकारी नियुक्तियों के लिए बिहार के नौजवानों से लाखों की रिश्वत खाई, वो फिर बढ़ते हुए बिहार को ललचाई नजरों से देख रहे हैं। आज बिहार में पीढ़ी भले बदल गई हो, लेकिन बिहार के नौजवानों को ये याद रखना है कि बिहार को इतनी मुश्किलों में डालने वाले कौन थे?
बिहार के लोग भूल नहीं सकते वो दिन जब सूरज ढलते का मतलब होता था, सब कुछ बंद हो जाना, ठप्प पड़ जाना। आज बिजली है, सड़के हैं, लाइटें हैं और सबसे बड़ी बात वो माहौल है जिसमें राज्य का सामान्य नागरिक बिना डरे रह सकता है, जी सकता है।
बिहार के सपूत गलवान घाटी में तिरंगे के खातिर शहीद हो गए, लेकिन भारत मां का माथा नहीं झुकने दिया। पुलवामा हमले में भी बिहार के जवान शहीद हुए, मैं उनके चरणों मे शीश झुकाता हूं और उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।
भारत के सम्मान बा बिहार भारत के स्वाभिमान बा बिहार भारत के संस्कार बा बिहार संपूर्ण क्रांति के शंखनाद बा बिहार आत्मनिर्भर भारत के परचम बा बिहार।
जितने सर्वे हो रहे हैं, जितनी रिपोर्ट आ रही है, सभी में ये ही आ रहा है- बिहार में फिर एक बार, NDA सरकार बनने जा रही है।
बिहार के लोगों ने मन बना लिया है, ठान लिया है कि जिनका इतिहास बिहार को बीमारू बनाने का है, उन्हें आसपास भी नहीं फटकने देंगे।
बाबू रघुवंश प्रसाद सिंह जी ने भी गरीबों के उत्थान के लिए निरंतर काम किया। वो भी अब हमारे बीच नहीं हैं। मैं उन्हें भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
साथियों हाल ही में बिहार ने अपने दो सपूतों को खोया है, जिन्होंने यहां के लोगों की दशकों तक सेवा की है। मेरे करीबी मित्र और गरीबों, दलितों के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले और आखिरी समय तक मेरे साथ रहने वाले राम विलास पासवान जी को मैं श्रद्धाजंलि अर्पित करता हूं।
आज रोहतास के साथ-साथ आस-पास के अन्य जिलों के साथी भी यहां आए हैं। तकनीक के माध्यम से काफी साथी और NDA के उम्मीदवार हमारे साथ जुड़े हैं। मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं।