नई दिल्ली। इस वक्त पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को लेकर बहस जोरों पर है। पीएम नरेंद्र मोदी के यूसीसी को लेकर दिए बयान के बाद सियासी पारा भी तेज हो गया। पीएम मोदी ने भोपाल में एक कार्यक्रम में कहा था कि एक परिवार में दो कानून कैसे हो सकते है। एक तरफ जहां कांग्रेस, टीएमसी, जेडीयू, समाजवादी पार्टी समेत कुछ दल इसका विरोध कर रहे है। वहीं आम आदमी पार्टी, बसपा समेत ने इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन दिया है। हालांकि मुस्लिम संगठन यूसीसी का खुलकर आपत्ति जता रही है। इसी बीच लॉ कमीशन ऑफ इंडिया ने यूसीसी को लेकर बड़ा अपडेट दिया है।
दरअसल लॉ कमीशन ने यूसीसी को लेकर देशभर में जनता से सुझाव मांग थे। 14 जुलाई को लास्ट तारीख थी और लॉ कमीशन ने लोगों से यूसीसी पर अपनी राय देने को कहा था। इसी बीच अब विधि आयोग ने इस 2 सप्ताह और एक्सटेंड कर दिया है। यानि अब 28 जुलाई तक लोग यूसीसी को लेकर अपनी राय दे सकेंगे।
In view of the overwhelming response from the public on the subject of Uniform Civil Code (UCC) and numerous requests received from various quarters regarding the extension of time for submitting their comments, the Law Commission has decided to grant an extension of two weeks… pic.twitter.com/03gZxoAUAX
— ANI (@ANI) July 14, 2023
क्या है समान नागरिक संहिता ?
बता दें कि समान नागरिक संहिता के लागू होने के बाद देश में रह रहे सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होंगे। वर्तमान में शादी, विवाह, तलाक और बच्चा गोद लेने की प्रक्रियाओं में अपने धार्मिक नियमों को ज्यादा तरजीह देते हैं और संविधान द्वारा प्रावधान की गई व्यवस्था को दरकिनार कर देते हैं, लेकिन यूसीसी के अस्तित्व में आने के बाद लोगों एक ही तरह के कानूनों का पालन करना होगा।