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Delhi MCD Results: सिसोदिया, जैन और अमानतुल्लाह के इलाके में ‘AAP’ का सफाया, BJP का खिला कमल

MCD Election Result: इस बीच इस चुनाव में कुछ हॉट सीटें ऐसी भी रही हैं, जिस पर सभी की निगाहें टिकी थीं, लेकिन गौर करने वाली बात है कि इन सीटों पर आम आदमी पार्टी को हार मुंह देखना पड़ा है। आइए, आगे हम आपको इन सीटों के बारे में बता करते हैं।

नई दिल्ली। अब तक के आए रूझानों के आधार पर यह कहना उचित रहेगा कि पिछले डेढ़ दशकों से निगम की सत्ता पर काबिज बीजेपी को इस बार एमसीडी की सत्ता गंवानी पड़ी, तो वहीं आम आदमी पार्टी 126 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत की ओर आगे बढ़ रही है। इसके अलावा बीजेपी 104 तो कांग्रेस 9 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही है। इस तरह से जहां एक बार फिर कांग्रेस की हालत पस्त हुई, तो वहीं बीजेपी ने अपने 15 सालों की सत्ता गंवा दी। ऐसी सूरत में आम आदमी पार्टी में जहां खुशी की लहर है, तो वहीं बीजेपी में निगम चुनाव में मिली हार के बाद चिंतन-मंथन का सिलसिला शुरू हो चुका है।

उधर, कांग्रेस के लिए जैसे ये कोई प्रत्याशित नतीजा रहा हो। हालांकि गत सोमवार को ही आए एग्जिट पोल ने आम आदमी पार्टी की जीत और बीजेपी की हार और कांग्रेस की दुर्गति की भविष्यवाणी कर दी थी। जिसके बाद आम आदमी पार्टी खासा उत्साहित थी। वहीं, आम आदमी पार्टी को मिले उक्त आंकड़ों मे इजाफा देखने को मिल सकता है, क्योंकि काउंटिंग अभी पूरी नहीं हुई है। ऐसी सूरत में इन्हें अंतिम नतीजे ना मान लिया जाए, लेकिन इस बीच इस चुनाव में कुछ हॉट सीटें ऐसी भी रही हैं, जिस पर सभी की निगाहें टिकी थीं, लेकिन गौर करने वाली बात है कि इन सीटों पर आम आदमी पार्टी को हार मुंह देखना पड़ा है। आइए, आगे हम आपको इन सीटों के बारे में बताते हैं।

मनीष सिसोदिया

सबसे पहले बात मनीष सिसोदिया करते हैं। वे वर्तमान में पटपड़गंज से विधायक हैं। उनके क्षेत्र में निगम के चार वार्ड आते हैं। इन सभी वार्डों पर सभी पार्टियों ने अपने प्र्तयाशी उतारे थे। अब सिसोदिया का क्षेत्र होने की वजह से आप प्रत्याशियों को लगा यहां से चुनाव जीतना सहज रहेगा। वैसे भी आप प्रत्याशियों पर सीएम केजरीवाल के चेहरे पर चुनाव जीतने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार इनका दुर्भाग्य देखिए कि ना तो यहां केजरीवाल का जादू चला और ना ही सिसोदिया का। नतीजा यह हुआ कि सिसोदिया के क्षेत्र से उतारे गए सभी आप प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा है। यहां के सभी चार वार्डों में बीजेपी के प्रत्याशियों ने जीत का झंडा लहराया है।

manish sisodia

बता दें, बीजेपी की रेनू चौधरी जीतीं, विनोद नगर से बीजेपी के राजेंद्र सिंह नेगी जीते, पांडव नगर से बीजेपी के यशपाल सिंह जीते, मंडावली से बीजेपी के शशि चांदना जीते हैं। अब आगे यह भी जान लेते हैं कि आखिर क्या कारण है कि इस सीट पर ना तो आप प्रत्याशियों के हक में सिसोदिया का जादू चला और ना केजरीवाल का। दरअसल, सिसोदिया पर दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाला का आरोप लगा है, जिसकी अभी सीबीआई जांच कर रही है।

उनके खिलाफ प्राथामिकी भी दर्ज की जा चुकी है। बीते दिनों उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी। फिलहाल, इस मसले को लेकर जांच जारी है। इस मसले को लेकर बीजेपी आप पर हमलावर है। अब ऐसे में उनके खिलाफ जारी जांच क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन इन मुद्दों की वजह से आप प्रत्याशियों को निगम चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है।

सत्येंद्र जैन

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन शकूर बस्ती से विधायक हैं। उनके क्षेत्र में तीन वार्ड आते हैं। बेशक आप निगम चुनाव में बंपर जीत हासिल करने में सफल रही हो, लेकिन जैन के क्षेत्र में आप के प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा है। यहां के सभी तीनों वार्डों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। बता दें, जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लग चुके हैं। वे वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं।

Satyendra Jain

गत दिनों में उनका मसाज कराने का वीडियो भी प्रकाश में आया था। जिसके बाद जेल अधीक्षक को बर्खास्त कर दिया गया था। जैन के मजास प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद बीजेपी आप पर हमलावर है। शायद यह उसी का नतीजा है कि जैन के क्षेत्र से सभी आप प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा है।

अमानतुल्लाह खा

वहीं, अब अमानतुल्लाह खान की बात करें, तो उनके क्षेत्र में कुल चार वार्ड आते हैं। निगम चुनाव में इन सभी वार्डों में बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है और आप प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा है, तो कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ हो चुका है। बता दें, अमानतुल्लाह खान पर दिल्ली वक्फ बोर्ड में घोटाले का आरोप लगा है। बीते दिनों उन्हें हिरासत में भी भेजा गया था।

amanatullah khan aap

अब जिस तरह से उनके क्षेत्र से आप प्रत्याशियों को हार का मुंह देखना पड़ा है। यकीनन, यह स्थिति आम आदमी पार्टी के लिए चिंता के साथ-साथ चिंतन का भी विषय है। वहीं, निगम चुनाव के बाद मेयर को लेकर आप और बीजेपी के बीच वाकयुद्ध का सिलसिला शुरू हो चुका है। बीजेपी का कहना है कि मेयर हमारा ही रहेगा। बहरहाल, अब दिल्ली की राजनीति में क्या कुछ परिस्थितियां देखने को मिलती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।