नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ा दांव खेला है। ये दांव क्या है, हम आपको आज बताने जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी में 25 रुपए की बढ़ोतरी कर साल 2024-25 के लिए इसे 340 रुपए प्रति क्विंटल करने का एलान किया है। यानी चीनी मिल मालिक अब किसानों से इसी रेट पर गन्ने की खरीद कर सकेंगे। दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब मोदी सरकार ने गन्ने पर एफआरपी को 25 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है। पीएम मोदी ने गन्ने पर एफआरपी बढ़ाने के कदम के बाद किसानों के हित में सरकार के काम करते रहने की बात कही है।
देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में गन्ना खरीद की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा।https://t.co/Ap14Lrjw8Z https://t.co/nDEY8SAC3D
— Narendra Modi (@narendramodi) February 22, 2024
गन्ने की फसल पर एफआरपी बढ़ाने के केंद्र सरकार के इस कदम का यूपी के सीएम योगी आदित्नाथ ने स्वागत करते हुए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है।
किसान बंधुओं की आय को दोगुना करने हेतु डबल इंजन की सरकार संकल्पित है।
इसी क्रम में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने चीनी सीजन 2024-25 के लिए गन्ने के ‘Fair and Remunerative Price’ (FRP) में 8% की वृद्धि करते हुए ₹340/क्विंटल…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 22, 2024
मोदी सरकार की तरफ से गन्ने के एफआरपी में उस वक्त बढ़ोतरी की गई है, जब हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर किसान संगठन एमएसपी और अन्य मांगों के संबंध में प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली जाने की मांग पर अड़े हैं। गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी कर मोदी सरकार ने साफ संदेश दिया है कि वो किस तरह किसानों के हित में खड़ी है और उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। मोदी सरकार की तरफ से गन्ने पर एफआरपी को बढ़ाया जाना लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी की सीटों पर बीजेपी को अन्य दलों पर बढ़त दिलाने की कोशिश के तहत भी देखा जा रहा है।
पश्चिमी यूपी में लोकसभा की 27 सीटें हैं। इस इलाके में 18 फीसदी जाट समुदाय की आबादी है और ज्यादातर लोग खेती करते हैं। पश्चिमी यूपी की मुख्य फसल गन्ना ही है। अगर चुनावी कदम के तौर पर मोदी सरकार के गन्ने पर एफआरपी बढ़ाने के फैसले को देखें, तो इससे बीजेपी पिछली बार के मुकाबले पश्चिमी यूपी में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 19 सीटें हासिल हुई थीं। जबकि, अखिलेश यादव की सपा ने 4 और मायावती की बीएसपी ने 4 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था। इस बार बीजेपी का दावा है कि यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटें वो जीतेगी। ऐसे में पश्चिमी यूपी की इन 27 सीटों पर जीत हासिल करना बहुत जरूरी है।