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FRP On Cane: गन्ने पर एफआरपी बढ़ाकर पश्चिमी यूपी में पीएम मोदी ने चला बड़ा दांव, जानिए आखिर बीजेपी के लिए ये फैसला क्यों हो सकता है लोकसभा चुनाव में फायदे का सौदा

FRP On Cane: पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी में 25 रुपए की बढ़ोतरी कर साल 2024-25 के लिए इसे 340 रुपए प्रति क्विंटल करने का एलान किया है। यानी चीनी मिल मालिक अब किसानों से इसी रेट पर गन्ने की खरीद कर सकेंगे।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ा दांव खेला है। ये दांव क्या है, हम आपको आज बताने जा रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक में गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी में 25 रुपए की बढ़ोतरी कर साल 2024-25 के लिए इसे 340 रुपए प्रति क्विंटल करने का एलान किया है। यानी चीनी मिल मालिक अब किसानों से इसी रेट पर गन्ने की खरीद कर सकेंगे। दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब मोदी सरकार ने गन्ने पर एफआरपी को 25 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया है। पीएम मोदी ने गन्ने पर एफआरपी बढ़ाने के कदम के बाद किसानों के हित में सरकार के काम करते रहने की बात कही है।

गन्ने की फसल पर एफआरपी बढ़ाने के केंद्र सरकार के इस कदम का यूपी के सीएम योगी आदित्नाथ ने स्वागत करते हुए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है।

मोदी सरकार की तरफ से गन्ने के एफआरपी में उस वक्त बढ़ोतरी की गई है, जब हरियाणा के शंभु बॉर्डर पर किसान संगठन एमएसपी और अन्य मांगों के संबंध में प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली जाने की मांग पर अड़े हैं। गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी कर मोदी सरकार ने साफ संदेश दिया है कि वो किस तरह किसानों के हित में खड़ी है और उनकी आय बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। मोदी सरकार की तरफ से गन्ने पर एफआरपी को बढ़ाया जाना लोकसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी की सीटों पर बीजेपी को अन्य दलों पर बढ़त दिलाने की कोशिश के तहत भी देखा जा रहा है।

 

पश्चिमी यूपी में लोकसभा की 27 सीटें हैं। इस इलाके में 18 फीसदी जाट समुदाय की आबादी है और ज्यादातर लोग खेती करते हैं। पश्चिमी यूपी की मुख्य फसल गन्ना ही है। अगर चुनावी कदम के तौर पर मोदी सरकार के गन्ने पर एफआरपी बढ़ाने के फैसले को देखें, तो इससे बीजेपी पिछली बार के मुकाबले पश्चिमी यूपी में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 19 सीटें हासिल हुई थीं। जबकि, अखिलेश यादव की सपा ने 4 और मायावती की बीएसपी ने 4 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था। इस बार बीजेपी का दावा है कि यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटें वो जीतेगी। ऐसे में पश्चिमी यूपी की इन 27 सीटों पर जीत हासिल करना बहुत जरूरी है।