नई दिल्ली। निर्भया के साथ एकजुटता दिखाने और सात साल बाद उसे मिले न्याय को लेकर खुशी जाहिर करने के लिए कोविड-19 संक्रमण का भय भी तिहाड़ के बाहर लोगों को इकट्ठा होने से नहीं रोक सका। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में शुक्रवार सुबह ठीक 5.30 बजे फांसी दे दी गई। सात साल पहले 2012 में फिजियोथेरेपी की 23 वर्षीय छात्रा के साथ चलती बस में बेहद क्रूरता के साथ दुष्कर्म किया गया था, बाद में उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया था।
दिल्ली के हरि नगर निवासी रविंदर सिंह बख्शी ने कहा, “कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते मेरी पत्नी ने मुझे बाहर नहीं जाने को कहा, लेकिन मेरी बहन को आज न्याय मिलने जा रहा था और मैं अपनी खुशी को जाहिर नहीं कर पा रहा था।”
People gather outside the Tihar jail in Delhi before the execution of #NirbhayaCaseConvicts #NirbhayaJustice #NirbhayaVerdict pic.twitter.com/IGGGabdnE1
— Aakriti Sharma (@_aakritisharma) March 20, 2020
विशेष रूप से निर्भया के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मध्य प्रदेश से यहां आई एक अन्य महिला ने कहा, “आखिरकार न्याय हुआ, मैं अपनी आंखों के सामने न्याय मिलता देखने के लिए यहां आई हूं।”
Final message of the #execution of #NirbhayaCaseConvicts for public after eight-year long battle. pic.twitter.com/PeG5cQEa2f
— Aakriti Sharma (@_aakritisharma) March 20, 2020
यह भीड़ ऐसे समय में इकक्ठा हुई, जब दिल्ली सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एक स्थान पर 20 लोगों से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाया है।