नई दिल्ली। संसद का आज से शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है। इस सत्र के पहले दिन लोकसभा में अभूतपूर्व नजारा दिखा। यहां पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में बीजेपी के सांसदों ने तीसरी बार मोदी सरकार और बार-बार मोदी सरकार के नारे लगाए। इस दौरान पीएम मोदी अपने बगल में बैठे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से खिलखिलाते हुए बात करते दिखाई दिए। पीएम मोदी की जबरदस्त चुनावी रैलियों और रोड-शो की बदौलत राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जनता ने कांग्रेस को हटाकर बीजेपी को सत्ता सौंपी है। वहीं, बीजेपी ने मध्यप्रदेश में भी वोटों की सुनामी अपने पक्ष में करते हुए कांग्रेस की सत्ता हासिल करने की चाहत पर ग्रहण लगा दिया है। निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत बहुत महत्वपूर्ण और उत्साह बढ़ाने वाली रही है।
#WATCH | BJP MPs raise the slogan of “Teesri Baar Modi Sarkar” and “Baar Baar Modi Sarkar” in Lok Sabha in the presence of Prime Minister Narendra Modi, as the winter session of the Parliament commences. pic.twitter.com/nZp0YqkQMH
— ANI (@ANI) December 4, 2023
इससे पहले संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को नसीहत दी थी कि वो सदन को चलाने में सहयोग दे और हार का गुस्सा संसद के भीतर न निकाले। पीएम मोदी ने संसद सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत उत्साहजनक है। उन्होंने कहा कि देश में राजनीतिक तापमान भी बढ़ रहा है। इसके बाद ही पीएम ने विपक्ष के लिए कहा कि विधानसभा चुनाव नतीजों में पराजय का गुस्सा वे संसद के भीतर न निकालें। पीएम मोदी ने विपक्ष के लिए कहा कि आपको देश के लिए सकारात्मक संदेश देना चाहिए। इससे आपका फायदा होगा। मोदी ने कहा कि अगर विपक्ष की छवि विरोध और नकारात्मक की बनी, तो ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भी अहम भूमिका है।
#WATCH | Winter Session of Parliament | PM Narendra Modi says, “I have been urging for your (Opposition) cooperation in the House. Today, I also speak politically – it is beneficial for you too if you give a message of positivity to the country. It is not right for democracy if… pic.twitter.com/d2FjMDPR6i
— ANI (@ANI) December 4, 2023
पीएम मोदी की ये नसीहत विपक्ष कितना मानता है, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन महुआ मोइत्रा के कैश फॉर क्वेरी मामले और आईपीसी और सीआरपीसी की जगह नए बिल और मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी बिल लाने के मुद्दों पर विपक्ष अपनी नाराजगी पहले से जताता रहा है। ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र में भी हंगामे के खूब आसार हैं। मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल का ये अंतिम शीतकालीन सत्र है। ऐसे में मोदी सरकार तमाम जरूरी बिलों को इस सत्र में पास कराने की हरसंभव कोशिश करने वाली है।