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PM मोदी के बारे में यह राय रखते हैं बीजेपी के सांसद वरुण गांधी, इस वजह से हमेशा देते हैं सम्मान

Varun Gandhi: मेनका को मोदी ने अपनी कैबिनेट में भी अङम जिम्मेदारी दी थी। इस पर वरुण कह चुके हैं कि जरूरी नहीं कि एक परिवार के दो लोगों को मंत्रीपद दिया जाए। मंत्री न बनाए जाने पर तमाम नेता नाराज हो जाते हैं, लेकिन वरुण के दिल में पीएम मोदी के लिए कोई कटुता नहीं है।

नई दिल्ली। कांग्रेस को चलाने वाले गांधी खानदान का एक चिराग बीजेपी में भी है। नाम है वरुण गांधी। वरुण की मां मेनका भी बीजेपी की ही सांसद हैं। मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं, लेकिन वरुण गांधी अब तक मंत्री नहीं बनाए गए। इस बार भी मंत्रिमंडल में मोदी ने कई युवा चेहरों को शामिल किया, लेकिन वरुण को बाहर रखा। ऐसे में सवाल उठते हैं कि क्या मोदी को वरुण पसंद नहीं हैं ? इस सवाल का जवाब खुद वरुण देते हैं। वह बताते हैं कि मंत्री न बनाए जाने के बावजूद पीएम मोदी का वो कितना सम्मान करते हैं और इसकी वजह क्या है।

वरुण गांधी यूपी के पीलीभीत से बीजेपी के सांसद हैं। दो बार से बीजेपी के टिकट पर वह जीते हैं। गांधी खानदान के हैं। मां मेनका कद्दावर नेताओं में गिनी जाती हैं। इसके बाद भी मोदी आखिर उन्हें अपनी सरकार में जगह क्यों नहीं देते ? वरुण से यह सवाल कई बार पूछा जा चुका है। खासकर जब भी मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल होता है, तो हर कोई यही सवाल पूछता है।

इस सवाल का जवाब कई बार वरुण गांधी दे चुके हैं। वरुण बताते हैं कि बीजेपी ने उन्हें और उनकी मां मेनका को बहुत कुछ दिया है। बात सही है। वरुण सिर्फ 27 साल के थे, जब बीजेपी ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव बनाया था। 29 साल की उम्र में बीजेपी के टिकट पर वरुण सांसद बनकर लोकसभा पहुंच चुके थे।

मेनका को मोदी ने अपनी कैबिनेट में भी अहम जिम्मेदारी दी थी। इस पर वरुण कह चुके हैं कि जरूरी नहीं कि एक परिवार के दो लोगों को मंत्रीपद दिया जाए। मंत्री न बनाए जाने पर तमाम नेता नाराज हो जाते हैं, लेकिन वरुण के दिल में पीएम मोदी के लिए कोई कटुता नहीं है। इसका खुलासा वह कई बार सार्वजनिक तौर पर यह कहकर कर चुके कि जब उनकी बेटी का निधन हुआ था, तो पीएम मोदी ने पिता की तरह खड़े रहकर उनकी मदद की और ढांढस बंधाया।

maneka gandhi and varun Gandhi

वरुण का कहना है कि इसी वजह से वह मोदी का बहुत सम्मान करते हैं। गांधी खानदान का एक चिराग होने के बावजूद वरुण काफी नरम दिल के हैं। अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत की जनता के लिए सांसद निधि का एक-एक पैसा खर्च कर उन्होंने विकास के कई काम भी कराए हैं। यही वजह है कि दो बार यहां की जनता ने वरुण को चुनकर संसद भेजा है।