newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

UP Election: वोटिंग के दौरान BJP कार्यकर्ता की हत्या, पोलिंग बूथ के पास मिली लाश, मचा हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस  

खबर है कि जिले में स्थित पोलिंग बूथ पर बीजेपी कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बीजेपी कार्यकर्ता की पहचान 25 वर्षीय कृष्ण यादव के रूप में हुई है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाई है कि आखिर किस वजह से बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या की गई है।

नई दिल्ली। जब कभी भी हिंदुस्तान के किसी सूबे में चुनावी दंगल का आयोजन किया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाता है कि होने जा रहा चुनाव, पूरी तरह से हिंसामुक्त, अपराधमुक्त और निष्पक्ष रहे और इसके लिए तमाम तरह के पैमाने भी निर्धारित किए जाते हैं, लेकिन समाज में मौजूद कुछ शरारती तत्वों की सक्रियता इस कदर चरम पर पहुंच जाती है कि वे इन तमाम पैमानों को धराशायी करते हुए चुनावी दंगल को खूनी दंगल में तब्दील कर देते हैं। अब इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप सोच रहें होंगे कि अभी तो वैसे ही उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है और आप इस तरह की भूमिका रचाने में मशगूल हो गएं हैं, तो कहीं इसका मतलब यह तो नहीं है कि फिर कहीं किसी चुनावी सूबे में हिंसा की खबरें सियासी गलियारों में चर्चा का विषय तो नहीं बन गई है, तो हम आपको बताते चलें कि इस बार हिंसा की नहीं, बल्कि हत्या की खबर चुनावी सूबे से सामने आई है, वो भी सूबा उत्तर प्रदेश के जिला हाथरस से।

UP Election

खबर है कि जिले में स्थित पोलिंग बूथ पर बीजेपी कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। बीजेपी कार्यकर्ता की पहचान 25 वर्षीय कृष्ण यादव के रूप में हुई है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाई है कि आखिर किस वजह से बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या की गई है। बता दें कि सिकंदराव के विधानसभा क्षेत्र के गोसलगंज में बीजेपी कार्यकर्ता की लाश मिली है। अब यह खबर मानो किसी आग सरीखे पूरे सूबे में चर्चा का विषय बन चुकी है। सभी उस शरारती तत्वों के बारे में जानने चाहते हैं जिन्होंने इस कृत्य को अंजाम दिया है। उधर, पुलिस भी इस पूरे  मामले की जांच में जुट चुकी है कि आखिर इस हत्या किसने अंजाम दिया है। ध्यान रहे कि प्रदेश में यह हिंसा तीसरे चरण के चुनाव के दौरान हुआ है।

आज यानी की रविवार को यूपी की 59 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन चुनाव के बीच आई यह हिंसा की कहीं न कहीं प्रशासन की लचर व्यवस्था को भी स्पष्ट करती हुई नजर आ रही है। ध्यान रहे कि सूबे में होने जा रहे चुनाव के नतीजों की घोषणा आगामी 10 मार्च को होने जा रही है। तब यह साफ हो जाएगा कि सूबे में सत्ता का ऊंट किस करवट बैठने जा रहा है। अभी ते फिलहाल सभी दलों के सियासी सूरमा सूबे में अपना सियासी किला स्थापित करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते हुए नजर आ रहे हैं।