नई दिल्ली। बीजेपी के यूपी से चुने गए सांसदों की दो दिन चली बैठक में अगले साल मार्च में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में जीत के लिए रणनीति तैयार की गई। इस रणनीति का अहम हिस्सा है कुछ आंकड़े। इन आंकड़ों को पक्ष में जुटाकर बीजेपी ने दोबारा यूपी फतह का प्लान तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के नेताओं ने सांसदों की बैठक में हर एक चुनाव क्षेत्र में वोटों के बंटवारे पर चर्चा की है। एक-एक वोट किस तरह पार्टी के पक्ष में लाया जाए, इसका खाका बैठक में तय किया गया। इसमें दलित, पिछड़े और सवर्ण वोटर शामिल हैं। बीजेपी इन्हीं का सबसे ज्यादा वोट हासिल कर सत्ता में फिर आने का खाका तैयार कर चुकी है।
यूपी में पिछड़ों के वोट करीब 40 फीसदी हैं। इसके बाद दलित वोटर 22 फीसदी और सवर्ण वोटर करीब 19 फीसदी हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को पिछड़े वोटरों का करीब 60 फीसदी वोट मिला था। इस बार इसे बढ़ाकर हर हाल में 70 से 75 फीसदी करने की उसकी योजना है। इसके अलावा कम से कम 15 से 17 फीसदी दलित और 16 फीसदी सवर्ण वोटरों का समर्थन हासिल करने की तैयारी में बीजेपी है।
सूत्रों के अनुसार इसके अलावा बीजेपी तीन मुख्य मुद्दों पर फोकस करेगी। हिंदुत्व के रथ पर तो वह सवारी करेगी ही। इसके अलावा विकास का मुद्दा सबसे अहम रहने वाला है। दूसरा अहम मुद्दा कानून-और व्यवस्था का है। पिछले 5 साल में सीएम योगी के नेतृत्व में सरकार ने भ्रष्टाचार मुक्त शासन और प्रशासन दिया है। यूपी विधानसभा चुनाव में यह भी बीजेपी का अहम मुद्दा होने जा रहा है। आने वाले दिनों में विकास योजनाओं की गति और तेज होगी। क्योंकि फरवरी से आदर्श आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में योगी सरकार के पास योजनाओं को लागू करने के लिए सिर्फ 6 महीने का वक्त बचा हुआ है।