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ठाकरे सरकार के ‘मंसूबों’ पर फिरा पानी, मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को लेकर बॉम्बे HC ने दिया झटका, जानिए क्या है मामला

Metro Car Shed: कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान दूसरे पक्षों की बात सुनने के लिए राज्य सरकार राजी हो गई थी। राज्य सरकार(State Government) की तरफ से तर्क था कि मुम्बई कलेक्टर का फैसला नियमानुसार था, बावजूद इसके राज्य सरकार दूसरे पक्षों की बात सुनने को तैयार है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार की उम्मीदों पर उस वक्त पानी फिर गया जब बॉम्बे हाई कोर्ट ने मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी। बता दें कि अब मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट का काम रुक गया है और कोर्ट के अगले आदेश तक काम नहीं होगा। यह फैसला उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ माना जा रहा है। लोगों का कहना है कि यह फैसला एक तरीके से महाराष्ट्र सरकार के लिए तगड़ा झटका है। बता दें कि पिछले साल आरे में इस प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर विवाद हुआ था। उसके बाद इस प्रोजेक्ट को कांजूर मार्ग पर बनाने का फैसला किया गया था। लेकिन अब इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। हाईकार्ट ने ‘मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण'(एमएमआरडीए) को यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। गौरतलब है कि आरे में सुरक्षित वन भूमि पर शेड बनाने को लेकर काफी विरोध हुआ था। जिसके बाद इसे वहां से शिफ्ट करके मुंबई के कांजूर मार्ग पर बनाया जा रहा था। अब महाराष्ट्र सरकार शेड निर्माण के लिए भूमि आवंटन को लेकर 15 अक्तूबर, 2020 को जारी आदेश वापस लेने को तैयार हो गई है।

metro car shed

वहीं कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान दूसरे पक्षों की बात सुनने के लिए राज्य सरकार राजी हो गई थी। राज्य सरकार की तरफ से तर्क था कि मुम्बई कलेक्टर का फैसला नियमानुसार था, बावजूद इसके राज्य सरकार दूसरे पक्षों की बात सुनने को तैयार है।

metro car shed project

इसके उलट इस मामले में केंद्र सरकार ने कहा कि मुंबई कलेक्टर का फैसला नियमानुसार नहीं है। इसे तुरंत खारिज किया जाना चाहिए। मुंबई के निजी डेवलपर गोराडिया ने भी एमएमआरडीए के कांजुरमार्ग मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट को तुरंत रोकने की मांग की थी।