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Uddhav Thakerey Gives Jolt To Opposition Alliance: विपक्ष के इंडिया गठबंधन को अब उद्धव ठाकरे ने दिया झटका!, लोकसभा सीटों का बंटवारा अब तक न होने पर उठाया ये कदम

Uddhav Thakerey Gives Jolt To Opposition Alliance: महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। साल 2019 में जब शिवसेना का विभाजन नहीं हुआ था, तब उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ मिलकर 22 लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इनमें से मुंबई की 3 सीटों समेत 18 सीटों पर तब शिवसेना ने जीत हासिल की थी।

मुंबई। बंगाल में ममता बनर्जी, बिहार में नीतीश कुमार, पंजाब में अरविंद केजरीवाल और यूपी में जयंत चौधरी ने विपक्ष के इंडिया गठबंधन में शामिल होने के बावजूद इसमें सहयोगी कांग्रेस को झटके पर झटके दिए। अब महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे भी इंडिया गठबंधन में अपनी राह चलते नजर आ रहे हैं। उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना-यूबीटी ने 18 लोकसभा सीटों पर अपने इलेक्शन को-ऑर्डिनेटर की नियुक्ति की है। इन 18 सीटों में मुंबई साउथ, मुंबई साउथ सेंट्रल, मुंबई नॉर्थ वेस्ट और मुंबई नॉर्थ ईस्ट सीटें भी हैं। मुंबई में लोकसभा की कुल 6 सीट हैं।

उद्धव ठाकरे की पार्टी के इस कदम से महाविकास अघाड़ी में शामिल कांग्रेस और शरद पवार के गुट वाली एनसीपी को जोर का झटका लगना तय है। महाविकास अघाड़ी में शामिल दलों ने आखिरी बार 2 फरवरी को सीटों के बंटवारे पर चर्चा की थी, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका था। इसके बाद ही उद्धव ठाकरे की शिवसेना-यूबीटी ने लोकसभा की 18 सीटों के लिए को-ऑर्डिनेटर का एलान किया है। मुंबई की 4 लोकसभा सीटों पर को-ऑर्डिनेटर तैनात किए जाने से ये भी साफ संकेत उद्धव ने दिए हैं कि बाकी की 2 लोकसभा सीट पर एनसीपी और कांग्रेस चुनाव लड़ सकती हैं। इससे महाराष्ट्र में भी इंडिया गठबंधन में रार मच सकती है।

uddhav and sharad pawar

अब बताया जा रहा है कि सीटों के बंटवारे के लिए महाविकास अघाड़ी की बैठक 22 फरवरी को हो सकती है, लेकिन उससे पहले ही उद्धव ठाकरे की तरफ से इलेक्शन को-ऑर्डिनेटर बनाए जाने से साफ है कि उन्होंने इन 18 सीटों पर तो दावा ठोक ही दिया है। महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। साल 2019 में जब शिवसेना का विभाजन नहीं हुआ था, तब उद्धव ठाकरे ने बीजेपी के साथ मिलकर 22 लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इनमें से मुंबई की 3 सीटों समेत 18 सीटों पर तब शिवसेना ने जीत हासिल की थी। साल 2022 में एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के तमाम विधायकों ने उद्धव से बगावत की थी और अब असली शिवसेना का नाम और उसका चुनाव चिन्ह तीर-कमान शिंदे गुट के ही पास है। जबकि, उद्धव को चुनाव आयोग ने मशाल चुनाव चिन्ह दिया है।