नई दिल्ली। राजस्थान में सभी कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे के बाद अब एक बार फिर राजनीति चरम पर है। एक तरफ जहां कांग्रेस अपने ही विधायकों के विरोध से घिरी हुई है। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां भी कांग्रेस पर हमलावर हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमों ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए राजस्थान के कैबिनेट बिस्तार को एक छलावा करार दिया है।
1.कांग्रेस द्वारा पार्टी के गिरते जनाधार को रोकने व राजनीतिक स्वार्थ हेतु पंजाब में विधानसभा आमचुनाव से ठीक पहले दलित को सीएम बनाना तथा अब राजस्थान में कुछ एससी/एसटी मंत्री बनाकर उसको भाजपा द्वारा केन्द्रीय मंत्रिमण्डल विस्तार की तरह इनके हितैषी होने का ढिंढोरा पीटना शुद्ध छलावा।
— Mayawati (@Mayawati) November 21, 2021
मायावती के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा गया कि कांग्रेस द्वारा पार्टी के गिरते जनाधार को रोकने व राजनीतिक स्वार्थ हेतु पंजाब में विधानसभा आमचुनाव से ठीक पहले दलित को सीएम बनाना तथा अब राजस्थान में कुछ एससी/एसटी मंत्री बनाकर उसको भाजपा द्वारा केन्द्रीय मंत्रिमण्डल विस्तार की तरह इनके हितैषी होने का ढिंढोरा पीटना शुद्ध छलावा। अगले ट्वीट में मायावती ने कहा कि ख़ासकर कांग्रेस पार्टी ने इनके मसीहा व संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को आदर-सम्मान देना व भारतरत्न से सम्मानित करना तो दूर बल्कि हमेशा उनकी उपेक्षा व तिरस्कार किया है, तो फिर इन जैसी जातिवादी पार्टियाँ एससी/एसटी व ओबीसी की सच्ची हितैषी कभी कैसे हो सकती हैं?
3. वैसे पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये आदि को काफी झेला है, किन्तु अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न नहीं हो, ऐसी देश को आशा है।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
इससे पहले मायावती ने कृषि कानून के बहाने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये आदि को काफी झेला है, किन्तु अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न नहीं हो, ऐसी देश को आशा है।