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Bulldozer Of Yogi: सीएम योगी के बुलडोजर एक्शन के मुरीद हैं कलकत्ता हाईकोर्ट के जज!, केस की सुनवाई में बोले- गैंगस्टरों को…

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय काफी दिनों से चर्चा में रहे है। बंगाल में स्कूल भर्ती के कथित घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश उन्होंने ही दिए थे। इस बारे में एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देने की वजह से बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उनसे केस वापस लेने का आदेश दिया था। इस पर जस्टिस गंगोपाध्याय और सुप्रीम कोर्ट के बीच ठनती दिखी थी।

कोलकाता। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने असामाजिक तत्वों, दंगा करने वालों और सूबे की बहन-बेटियों की इज्जत को निशाना बनाने वालों के अवैध निर्माणों को बुलडोजर चलाकर गिराने की शुरुआत की। योगी की देखादेखी कुछ अन्य राज्यों और यहां तक कि कांग्रेस शासित राजस्थान में भी अपराधियों के अवैध निर्माण बुलडोजर से गिराए गए। अब कलकत्ता हाईकोर्ट के एक जज भी योगी आदित्यनाथ सरकार के बुलडोजर एक्शन के मुरीद दिखे हैं। कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने शुक्रवार को कोलकाता में अवैध निर्माण संबंधी केस की सुनवाई के दौरान योगी से बुलडोजर मांगकर लाने तक की टिप्पणी कर दी।

calcutta hc justice abhijit gangopadhyay

कोलकाता के मानिकतला इलाके में अवैध निर्माण पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि इस मामले में कोई भी बदमाशी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने लापरवाही पर कहा कि गैंगस्टरों को अनुशासित करने का तरीका पता है। इसके बाद उन्होंने कोलकाता पुलिस और नगर निगम के वकीलों से कहा कि अवैध निर्माण हटाने के लिए जरूरी हो, तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से कुछ बुलडोजर किराए पर मंगवा लीजिए। इस मामले में एक महिला ने अपनी सुरक्षा को लेकर कोर्ट से गुहार लगाई थी। महिला का आरोप है कि अवैध निर्माण में सत्तारूढ़ टीएमसी के लोगों का हाथ होने की बात उन्होंने उठाई और इससे उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ गई।

court

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने महिला की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कहा कि कोलकाता पुलिस को पता है कि गैंगस्टरों को कैसे अनुशासन में लाया जाता है। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय काफी दिनों से चर्चा में रहे है। पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती के कथित घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश उन्होंने ही दिए थे। इस बारे में एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देने की वजह से बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उनसे केस वापस लेने का आदेश दिया था। इस पर जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय और सुप्रीम कोर्ट के बीच ठनती भी दिखी थी। जस्टिस गंगोपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव से अपने इंटरव्यू की ट्रांसक्रिप्ट तक तलब कर ली थी। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को जस्टिस गंगोपाध्याय ने मान भी लिया था।