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West Bengal: नारद स्टिंग मामले में हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद सीबीआई अदालत ने तृणमूल के 4 नेताओं को दी अंतरिम जमानत

West Bengal: सोमवार की सुबह कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में स्थित इन नेताओं के घरों से उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के दफ्तर में रखा गया था। एजेंसी ने अदालत से आरोपियों की न्यायिक हिरासत की मांग की थी।

नई दिल्ली। नारद स्टिंग मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के चार नेताओं को अंतरिम जमानत प्रदान की है। सोमवार को सुबह CBI ने मंत्री सुब्रत बनर्जी, मंत्री फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया था। इन सभी को सोमवार की ही शाम को न्यायमूर्ति अनुपम मुखर्जी के नेतृत्व वाली स्पेशल CBI कोर्ट ने जमानत दे दी। TMC नेताओं के वकील की तरफ से यह जानकारी दी गई। वकीन अनिंद्य राउत ने कहा कि विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश अनुपम मुखर्जी ने वरिष्ठ मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और पूर्व मंत्री सोवन चटर्जी के वकीलों और एजेंसी के वकील का पक्ष सुनने के बाद चारों नेताओं को जमानत दे दी। सभी आरोपियों को डिजिटल तरीके से अदालत के समक्ष पेश किया गया था।

सोमवार की सुबह कोलकाता के विभिन्न हिस्सों में स्थित इन नेताओं के घरों से उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के दफ्तर में रखा गया था। एजेंसी ने अदालत से आरोपियों की न्यायिक हिरासत की मांग की थी। CBI ने दावा किया था कि नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें TMC के मंत्री, सांसद और MLA लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए। घटना के वक्त चारों आरोपी मंत्री थे।

आरोपियों की 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग करते हुए सीबीआई के वकील ने अदालत से कहा कि चारों प्रभावशाली व्यक्ति हैं और इस चरण में अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो जांच प्रक्रिया बाधित होगी। लेकिन, कोर्ट ने CBI की दलीलों को नकारते हुए TMC नेताओं को जमानत दे दी।

टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सियासी ड्रामा तेज, सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यपाल को दी ‘गालियां’

पश्चिम बंगाल में सियासी पारा गर्म होता जा रहा है। कोलकाता में नारदा मामले को लेकर टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद हालात और बुरे हो गए हैं। इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) ने विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि “हम कोर्ट जा रहे हैं। आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने COVID-19 के दौरान जजमेंट दिया कि पुलिस किसी भी व्यक्ति को बेवजह हिरासत में नहीं ले सकती, गिरफ्तार नहीं कर सकती। उसके बावजूद, सीबीआई और पुलिस ने (हमारे सदस्यों को) गिरफ्तार किया है।”

kalyan banerjee

इतना ही नहीं, उन्होंने बंगाल के राज्यपाल को लेकर विवादित बयान भी दिया है। उनोने कहा- “राज्यपाल ने राज्य सरकार के परामर्श के बिना प्रतिशोधी रूप से ऐसा किया है। राज्यपाल खून चूसने वाले बन गए हैं। वह अब भाजपा से 2024 के चुनाव के लिए टिकट हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए वह टीएमसी के खिलाफ जो चाहें कर रहे हैं। उन्हें यहां एक मिनट भी नहीं रुकना चाहिए। पागल कुत्ते की तरह इधर उधर घूम रहे हैं।”

इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तृणमूल कांग्रेस के अपने चार नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में सीबीआई कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई थी। जहां हिंसका भड़क गई थी। तृणमूल के हजारों समर्थकों ने निजाम पैलेस को घेर लिया और कार्यालय की रखवाली कर रहे केंद्रीय अर्धसैनिक बलों पर पथराव शुरू कर दिया था।

स्थानीय पुलिस नाराज तृणमूल समर्थकों को खदेड़ने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। ममता बनर्जी के ‘निजाम पैलेस’ की 15वीं मंजिल पर पहुंचने के बाद तनाव बढ़ गया, जहां सीबीआई का भ्रष्टाचार विरोधी प्रकोष्ठ का कार्यालय है। उनके प्रवक्ता, वकील अनिंद्यो राउत ने प्रतीक्षारत मीडियाकर्मियों से कहा “दीदी (बनर्जी) इस सीबीआई कार्यालय को तब तक नहीं छोड़ेगी जब तक कि उनकी पार्टी के सहयोगी रिहा नहीं हो जाते।”

उन्होंने कहा ” ममता बनर्जी ने सीबीआई अधिकारियों को बताया कि उन्होंने चार नेताओं को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें दो मौजूदा और दो पूर्व मंत्री शामिल हैं, बिना किसी अनिवार्य सूचना के। ये गिरफ्तारियां राजनीति से प्रेरित और अवैध हैं। सुवेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय को छोड़ दिया गया है, जबकि उन पर समान आरोप हैं।”