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CBI Raid On Rabri Devi House: राबड़ी देवी के घर पर सीबीआई ने मारा छापा, इस मामले में आरोपी हैं लालू यादव की पत्नी

राबड़ी-लालू परिवार पर अभी दो केस चल रहे हैं। जमीन लेकर नौकरी देने के मामले को आईआरसीटीसी घोटाला भी कहा जाता है। ये मामला लालू यादव के यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहने के दौरान का है। घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती समेत अन्य आरोपी भी हैं।

पटना। बिहार की राजधानी पटना में सीबीआई टीम ने लालू यादव की पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी देवी के घर पर छापा मारा है। बताया जा रहा है कि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी आवास पर मौजूद हैं। तेजस्वी अपनी मां के घर में ही रहते हैं। माना जा रहा है कि राबड़ी देवी के घर पर ये छापा जमीन लेकर नौकरी देने के केस में मारा गया है। हालांकि, राबड़ी-लालू परिवार पर अभी दो केस चल रहे हैं। जमीन लेकर नौकरी देने के मामले को आईआरसीटीसी घोटाला भी कहा जाता है। ये मामला लालू यादव के यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहने के दौरान का है। घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती समेत अन्य आरोपी भी हैं।

 

 

house of rabri devi
पटना में राबड़ी देवी का आवास।

जमीन लेकर नौकरी देने के आरोप में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 मार्च को लालू, राबड़ी और मीसा समेत इस मामले के सभी आरोपियों को पेश होने के लिए समन जारी किया था। सीबीआई के विशेष कोर्ट ने इस मामले में जांच एजेंसी की तरफ से दाखिल चार्जशीट का संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को समन जारी किया था। आरोप ये है कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब लोगों से उनकी जमीन अपने नाम लिखवाकर नौकरी दी गई।

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इस मामले में लालू, राबड़ी और मीसा समेत 14 आरोपी हैं। लालू यादव साल 2004 से 2009 तक यूपीए की पहली सरकार के दौरान रेल मंत्री थे। नौकरी देने के बदले जमीन लेने का मामला उसी दौर का है। आरोप है कि लालू ने राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी जमीन ली। सीबीआई के मुताबिक ये सारा खेल रेलवे के कुछ अफसरों के साथ साठगांठ कर खेला गया। सीबीआई ने चार्जशीट में बताया है कि लालू परिवार के नाम पर पटना में ही 1 लाख वर्ग फुट जमीन इस तरह ली गई। सीबीआई की चार्जशीट कहती है कि लालू यादव ने रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप डी के पदों पर जमीन लेकर नौकरी दी। पटना में रहने वाले कई लोगों ने खुद या परिवार के नाम की जमीन एक निजी कंपनी के पक्ष में अपनी जमीन दी। ये कंपनी लालू यादव और उनके परिवार की तरफ से नियंत्रित होती थी। रेलवे में ये सारी भर्तियां मुंबई, कोलकाता, जयपुर, जबलपुर और हाजीपुर में हुई। इसके लिए भर्ती का कोई विज्ञापन वगैरा जारी भी नहीं किया गया था।