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Chandrayaan 3: चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, भेजा शानदार Video, इस तारीख को होगी लैंडिंग

इस बार चंद्रयान को चांद की सतह पर उतारने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने इसमें कई बदलाव किए हैं। विक्रम लैंडर के चारों स्टैंड को मजबूत किया गया है। इससे चंद्रयान-3 अब 3 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से भी चांद पर उतर सकेगा। पहले चंद्रयान-2 के स्टैंड को 2 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से उतारने लायक ही बनाया गया था।

बेंगलुरु। हमारे देश का चंद्रयान-3 अब चांद के और करीब पहुंच गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने बेंगलुरु के कंट्रोल सेंटर से कमांड भेजकर रविवार रात करीब 11 बजे चंद्रयान-3 को चांद के और करीब ला दिया। कंट्रोल सेंटर से कमांड के जरिए चंद्रयान के थ्रस्टर रॉकेट फिर शुरू किए गए। इन रॉकेटों से चंद्रयान की चांद से ऊंचाई को घटाया यानी कक्षा को कम किया गया। अब चंद्रयान-3 चांद के चारों तरफ 164X18074 किलोमीटर के अंडाकार कक्षा में चक्कर लगा रहा है। चंद्रयान-3 को अब 9 अगस्त को इसरो के वैज्ञानिक कमांड भेजेंगे। जिसके जरिए इसे चांद की और करीबी कक्षा में ले जाया जाएगा। चांद के करीब पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 ने धरती के उपग्रह का वीडियो भी भेजा है।

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ये तीसरी बार है, जब इसरो के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने चंद्रयान को चांद की कक्षा में भेजा है। इस बार चंद्रयान-3 को 23 अगस्त की शाम 5.47 बजे चांद की सतह पर उतारने की कोशिश होगी। इसरो ने चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने का फैसला किया है। चांद पर चंद्रयान के विक्रम लैंडर के उतरने के बाद उसमें से रोवर निकलेगा। ये रोवर 14 दिन तक चांद की सतह पर घूम-घूमकर अपने यंत्रों के जरिए कई तरह के प्रयोग करेगा। इससे पहले इसरो ने चंद्रयान-2 को चांद पर उतारने की कोशिश की थी, लेकिन वो कुछ गड़बड़ी की वजह से गिरकर नष्ट हो गया था। जबकि, पहला चंद्रयान मिशन चांद के चक्कर लगाने के लिए भेजा गया था। चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी की खोज भी की थी। इस बार चंद्रयान-3 ने जो वीडियो भेजा है, उसमें यान का कुछ हिस्सा दिख रहा है। वीडियो से दिखता है कि चंद्रयान-3 किस तरह चांद के करीब जा रहा है और फिर उसका चक्कर लगाने लगता है।

इस बार चंद्रयान को चांद की सतह पर उतारने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने इसमें कई बदलाव किए हैं। विक्रम लैंडर के चारों स्टैंड को मजबूत किया गया है। इससे चंद्रयान-3 अब 3 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से भी चांद पर उतर सकेगा। पहले चंद्रयान-2 के स्टैंड को 2 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से उतारने लायक ही बनाया गया था। इसके अलावा विक्रम लैंडर से इसरो के वैज्ञानिकों ने 5वां इंजन हटा दिया है। अब लैंडर के नीचे सिर्फ 2 ही इंजन हैं। इन इंजनों में से एक वक्त में 2 को चलाकर चंद्रयान-3 को चांद की सतह पर उतारा जाएगा।