नई दिल्ली। लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर चल रहे विवाद के बीच चीनी सेना गलवान घाटी, गोगरा और हॉट स्प्रिंग इलाके में पीछे हटी है। इस मामले में चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि दोनों देशों को एक दूसरे के लिए खतरा नहीं बनना चाहिए। अभी जो हालात हैं, उसमें दोनों देशों को साथ मिलकर हल निकालना चाहिए।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि, दोनों देशों को साथ मिलकर इस संकट को दूर करने के लिए काम करना चाहिए। चीन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष से दोनों देशों के नेताओं द्वारा पहुंची गई महत्वपूर्ण सहमति का पालन करने के लिए सहमत हैं और मानते हैं कि सीमा क्षेत्र में शांति और शांति कायम रखना द्विपक्षीय संबंधों के दीर्घकालिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। चीन ने कहा है कि सीमा विवादों में मतभेद बढ़ने से बचने के लिए द्विपक्षीय संबंधों में उचित स्थिति में रखा जाना चाहिए।
इससे पहले चीन ने कहा कि अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक भारत से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में पीछे हटने और तनाव कम करने की दिशा में ‘‘प्रगति’’ के लिए ‘‘प्रभावी कदम’’ उठा रहे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजान की टिप्पणी तब आई जब नयी दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र से सैनिकों को हटाने के पहले संकेत के तौर पर चीनी सेना गलवान घाटी में कुछ क्षेत्रों से तंबू हटाती और पीछे जाती हुई दिखी। गलवान घाटी ही वह जगह है जहां 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में 20 भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान की खबरें हैं।
गलवान घाटी में विवाद के बिन्दु से चीन के पीछे हटने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर झाओ ने कहा, ‘‘अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिक पीछे हटने और तनाव कम करने के लिए प्रभावी कदम उठा रहे हैं और इस दिशा में प्रगति हुई है।’’ उन्होंने कहा कि चीनी और भारतीय पक्ष ने 30 जून को कमांडर स्तर की वार्ता की और दोनों पक्ष बातचीत के पहले दो दौर में बनी सहमति को क्रियान्वित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। झाओ ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष चीन की तरफ हाथ बढ़ाएगा और ठोस कार्रवाई के माध्यम से सहमित को क्रियान्वित करेगा तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव कम करने के लिए सैन्य तथा कूटनीतिक तंत्रों के माध्यम से करीबी संपर्क जारी रखेगा।’’