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पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसेवा दिवस पर दी बधाई, कोरोना महामारी को हराने की दिशा में सिविल सर्वेंट्स द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सराहा

नई दिल्ली। भारत सरकार हर साल 21 अप्रैल को लोकसेवा दिवस के तौर पर मनाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कोरोना संकट में मानवता की मदद कर रहे सिविल सर्वेंट् को शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘सिविल सर्विसेज डे के मौके पर मैं देश के सभी सिविल सर्वेंट्स और उनके …

नई दिल्ली। भारत सरकार हर साल 21 अप्रैल को लोकसेवा दिवस के तौर पर मनाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कोरोना संकट में मानवता की मदद कर रहे सिविल सर्वेंट् को शुभकामनाएं दी हैं।

Narendra Modi Complete Lockdown

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘सिविल सर्विसेज डे के मौके पर मैं देश के सभी सिविल सर्वेंट्स और उनके परिवार को बधाई देता हूं। कोरोना महामारी को हराने की दिशा में मैं उनके प्रयासों की सराहना करता हूं। संक्रमितों के इलाज में वे लगातार काम कर रहे हैं। हम सब कोरोना को मिलकर हराएंगे।’


बता दें कि लोकसेवा दिवस पर अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को उनकी सर्वश्रेष्ठ सेवा के लिए पुरस्कृत किया जाता है। यह पुरस्कार उन्हें नागरिकों को उत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए दिया जाता है।


आज ही के दिन आजाद भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारतीय लोक सेवा आयोग के पहले दल को ‘STEEL FRAME OF INDIA’ के नाम से संबोधित किया था। इस मौके पर पहला कार्यक्रम 21 अप्रैल, साल 2006 में नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था।

PM Narendra Modi

इस दिवस का उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा के सदस्यों द्वारा अपने आप को नागरिकों के लिए एक बार फिर समर्पित और वचनबद्ध करना है। इस अवसर पर, केंद्रीय और राज्य सरकारों के सभी अधिकारियों को भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सार्वजनिक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया जाता है। हालांकि, कोरोना संकट की वजह से आज ये कार्यक्रम नहीं हो रहा।

21 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है लोकसेवा दिवस?

भारत में सिविल सेवा में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सेवा समूह A और समूह B की व्यापक सूची शामिल है। 21 अप्रैल सिविल सेवा को समर्पित है। लोग अपनी अनुकरणीय सेवाओं की स्मृति में और जो उन्होंने वर्षों पहले किया है उसे वापस प्रतिबिंबित करने के लिए इस दिन को मनाते हैं। इसके अलावा, इस दिन वे आने वाले वर्ष के लिए योजना बनाते हैं कि उन्हें अपने संबंधित विभागों के लिए कैसे काम करना है।

इसकी उत्पत्ति 1947 वर्ष से संबंधित है जब 21 अप्रैल को सरदार वल्लभ भाई पटेल, गृह सदस्य, संसद ने अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन किया था। दिल्ली के मेटकाफ हाउस में अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण स्कूल में परिवीक्षाधीन अधिकारियों को संबोधित करते हुए, उन्होंने एक शक्तिशाली भाषण दिया और सिविल सेवकों को अतीत के अनुभव को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रीय सेवा की सच्ची भूमिका को अपनाने का अधिकार दिया। अपने भाषण में उन्होंने सिविल सेवकों को ‘भारत का स्टील फ्रेम’ कहा। इस तरह का पहला समारोह 21 अप्रैल, 2006 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। इसलिए, 2006 से इसे 21 अप्रैल को राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोक प्रशासन में विशिष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी दिए जाते हैं।