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Sam Pitroda On Dharma: गांधी खानदान के करीबी सैम पित्रोदा ने उठाया धर्म का मुद्दा, बोले- राम मंदिर असली मुद्दा या बेरोजगारी

Sam Pitroda On Dharma: सैम पित्रोदा ने कहा कि धर्म निजी विषय है और भारत में इसे ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। गांधी खानदान के करीबी ने राहुल गांधी के विदेश में दिए बयानों के मसले पर उनका बचाव भी किया।

नई दिल्ली। ‘राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी मुद्दा है?’ ये सवाल गांधी खानदान के करीबी और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने उठाया है। सैम पित्रोदा ने ये भी कहा कि भारत के लोगों को ये तय करना है कि वे उसे हिंदू राष्ट्र या धर्मनिरपेक्ष, समावेशी, विविधता वाला और स्थिरता वाला देश बनाना चाहते हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से सैम पित्रोदा ने कहा कि उनको उम्मीद है कि भारत के लोग अपने देश के भविष्य की खातिर जवाब देंगे। सैम पित्रोदा ने कहा कि धर्म निजी विषय है और भारत में इसे ज्यादा महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसे राष्ट्रीय मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। गांधी खानदान के करीबी ने अगले साल यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों को भारत के भविष्य के लिए अहम बताया और कहा कि हम चौराहे पर हैं और लोगों को तय करना है कि वो किस तरह का देश बनाना चाहते हैं।

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सैम पित्रोदा ने कहा कि राहुल गांधी ने विदेश जाकर देश का अपमान नहीं किया है। पित्रोदा ने कहा कि जब हम विदेश जाते हैं, तो भारत की आलोचना नहीं सरकार की आलोचना करते हैं। उन्होंने दोनों को अलग बताया और कहा कि सरकार और भारत की आलोचना में भ्रमित नहीं होना चाहिए। सैम पित्रोदा ने कहा कि भारत बहुत बड़ा है और महत्वपूर्ण है। गांधी खानदान के करीबी नेता ने कहा कि भारत छोटा देश नहीं है। वो दुनिया की नियति तय कर सकता है। धरती पर भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी नेताओं से मिलें और उनको समझाएं कि हम कौन हैं, क्या हैं और क्या मानते हैं।

सैम पित्रोदा ने ये भी कहा कि कोई भी भारत का अपमान नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि किसी भी धर्म से कोई दिक्कत नहीं है। समस्या तब होती है, जब धर्म जैसे निजी विषय को देश का मुद्दा बनाया जाता है। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा में पीएम नरेंद्र मोदी शामिल होने वाले हैं। इस पर सैम पित्रोदा ने कहा कि कभी-कभार मंदिर जाना ठीक है, लेकिन उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते। उन्होंने ये भी कहा कि 60 फीसदी लोग बीजेपी को वोटे नहीं देते। मोदी एक पार्टी नहीं, बल्कि हर किसी के पीएम हैं। यही संदेश भारत के लोग उनसे जानना चाहते हैं। जब 10 साल तक पीएम प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते, इससे मैं परेशान होता हूं।