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Gujarat: ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करता गुजरात, CM भूपेंद्र पटेल ने लॉन्च की नई बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी

Gujarat: इतना ही नहीं, बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र जब वैश्विक स्तर पर नई उंचाईयों को छू रहा है, ऐसे में बायोटेक आधारित उद्योगों को ज्यादा बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने यह नई बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी को लॉन्च किया है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में विशेषकर स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में बायोटेक्नोलॉजी विज्ञान का उल्लेखनीय योगदान रहा है।

गांधीनगर। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर में तीव्र एवं सर्वसमावेशी विकास को प्रोत्साहन देने की प्रतिबद्धता के साथ आज नई ‘गुजरात बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी 2022-27’ को लॉन्च किया। यह नई पॉलिसी अगले 5 वर्ष अर्थात 2022 से 2027 तक के लिए लागू रहेगी। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को अहमदाबाद स्थित साइंस सिटी में शिक्षा व विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जीतूभाई वाघाणी की उपस्थिति में इस नई नीति को जारी किया। नई बायोटेक्नोलॉजी नीति को लॉन्च करने के अवसर पर ब्रिटिश उप उच्चायुक्त पीटर कुक, गुजरात सरकार के मुख्य सचिव पंकज कुमार और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव विजय नेहरा सहित कई वरिष्ठ सचिव, बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थानों एवं औद्योगिक जगत के कई प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इस अवसर पर भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात ने ‘पॉलिसी-ड्रिवन स्टेट’ यानी नीति संचालित राज्य और उद्यमिता के मामले में देश में अग्रिम पंक्ति में स्थान बनाया है। वहीं, विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने उद्यमिता को एक नई दिशा दी है।

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इतना ही नहीं, बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र जब वैश्विक स्तर पर नई उंचाईयों को छू रहा है, ऐसे में बायोटेक आधारित उद्योगों को ज्यादा बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने यह नई बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी को लॉन्च किया है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में विशेषकर स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में बायोटेक्नोलॉजी विज्ञान का उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 जैसी मौजूदा वैश्विक महामारी के विरुद्ध मानवजाति की लड़ाई में बायोटेक्नोलॉजी का योगदान काफी अहम रहा है। कोरोना के कारण घर-घर में प्रसिद्ध हो चुके रैपिड एंटीजन टेस्ट, आरटी-पीसीआर टेस्ट और वैक्सीन आदि बॉयोटेक्नोलॉजी की ही देन है। उन्होंने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी उद्योगों का और भी विकास हो तथा गुजरात को उसका अधिकतम लाभ मिले यही इस नई बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी का उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री ने इस पॉलिसी की विस्तृत जानकारी देते हुए आगे कहा कि बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी बनाने की प्रक्रिया में इस क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए शैक्षणिक एवं संशोधन संस्थानों, स्टार्टअप्स और उद्यमियों जैसे विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद उनके रचनात्मक सुझावों को भी बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी 2022-27 में शामिल किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी 2022-27 को नेशनल पॉलिसी एंड स्ट्रैटेजी को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें गैर-सरकारी संस्थानों, वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों और उद्योगों जैसे विभिन्न हितधारकों के बीच भागीदारी को प्रोत्साहन दिया जाएगा। बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी 2022-27 में गुजरात के बायोटेक्नोलॉजी उद्योगों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए टेक्नोलॉजी एक्विजिशन के लिए सहायता, कौशल विकास के लिए सहायता, वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन, क्वालिटी सर्टिफिकेशन और बैंडविड्थलीजिंग आदि के लिए विभिन्न आर्थिक सहायताओं का समावेश किया गया है। सीएम पटेल ने जानकारी दी कीइससे पहले की पॉलिसी में ऐसी सहायता शामिल नहीं थी।

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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि इस पॉलिसी में बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र की फ्रंटियर टेक्नोलॉजी का समावेश किया गया है तथा बायोटेक्नोलॉजी उत्पाद एवं सेवाओं की सूची का विस्तार किया गया है। यह पॉलिसी राज्य में बायोप्लास्टिक से लेकर जीन स्प्लिसिंग और स्टेम सेल थेरेपी जैसे क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहक साबित होगी। इसके अलावा, प्री-क्लीनिकल टेस्टिंग, निजी क्षेत्र में जिनोम सिक्वेंसिंग, प्लग एंड प्ले फैसिलिटीज, प्राइवेट सेक्टर बायो सेफ्टी लेवल-3 (BSL-3) लैब, वैक्सीन डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग, टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन लेबोरेटरीज जैसे स्पेशल प्रोजेक्ट को सहायता एवं समर्थन के माध्यम से यह नई बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी इकोसिस्टम को ज्यादा सुव्यवस्थित बनाएगी।

गुजरात बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी 2022-27 की महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नानुसार हैं:

• इनोवेटिव CAPEX (पूंजीगत व्यय) और OPEX (परिचालन व्यय) मॉडल के जरिए कुल मिलाकर सहायता की दर और उसकी मात्रा, दोनों में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की गई है।

• प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार करने के लिए स्ट्रैटेजिक प्रोजेक्ट और मेगा या लार्ज प्रोजेक्ट को स्पेशल पैकेज प्रदान कर विशेष महत्व दिया गया है, जो एंकर यूनिट और वर्तमान में कार्यरत उद्योगों के द्वारा नए निवेश को आकर्षित करेगा और राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

• 200 करोड़ रुपए से कम पूंजीनिवेश वाले सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSMEs) को अधिकतम 40 करोड़ रुपए की सीमा में और 200 करोड़ रुपएसे अधिक पूंजीनिवेश वाले मेगा या लार्ज प्रोजेक्ट को तथा इकोसिस्टमइम्पॉवरमेंटवाले प्रोजेक्ट्स, चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में उभरती प्रौद्योगिकियों एवं रणनीतिक रूप से अहम स्पेशल प्रोजेक्ट्स को अधिकतम 200 करोड़ रुपए की सीमा में कुल पूंजीगत व्यय (CAPEX ) की 25 फीसदी सहायता दी जाएगी। यह सहायता कुल पांच वर्षों में 20 त्रैमासिक किस्तों में दी जाएगी।

• 200 करोड़ रुपए से कम पूंजीनिवेश वाले MSME उद्योगों को प्रतिवर्ष अधिकतम 5 करोड़ रुपए की सीमा में और 200 करोड़ रुपए से अधिक पूंजीनिवेश वाले मेगा या लार्ज प्रोजेक्ट्स को तथा इकोसिस्टमइम्पॉवरमेंटजैसे स्पेशल प्रोजेक्ट को अधिकतम 25 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष की सीमा में कुल परिचालन व्यय (OPEX ) की 15 फीसदी सहायता दी जाएगी। इस सहायता में बिजली शुल्क (पावर टैरिफ), पेटेंट सहायता, मार्केटिंग डेवलपमेंट सहायता, लीज रेन्टल सब्सिडी, बैंडविड्थ लीजिंग और क्वालिटी सर्टिफिकेशन के खर्च को शामिल किया गया है।

इस बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी में कई विशिष्ट प्रावधान भी किए गए हैं जिसके अनुसारः

• रोजगार को प्रोत्साहनः एक साल से अधिक समय तक आवेदक कंपनी के साथ जुड़े प्रत्येक स्थानीय पुरुष एवं महिला को क्रमशः 50,000 रुपए एवं 60,000 रुपए की सहायता दी जाएगी।

• एम्प्लॉयमेंट प्रोविडेंट फंडः प्रत्येक महिला एवं पुरुष कर्मचारी के लिए आवेदक कंपनी द्वारा भुगतान किए गए एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) पर क्रमशः 100 एवं 75 फीसदी का रीम्बर्समेंटदिया जाएगा

• टर्म लोन पर ब्याज सब्सिडीः 100 करोड़ रुपए तक के टर्म लोन पर भुगतान किए गए ब्याज के एवज में वार्षिक अधिकतम 7 करोड़ रुपए की सीमा में, 7 फीसदी की दर से त्रैमासिक रिम्बर्समेंट दिया जाएगा। इसके अलावा, 100 करोड़ रुपए से अधिक के टर्म लोन पर वार्षिक अधिकतम 20 करोड़ रुपए की सीमा में, भुगतान किए गए ब्याज के एवज में 3 फीसदी की दर से त्रैमासिक रिम्बर्समेंट दिया जाएगा

• इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटीः भुगतान की गई इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी पर 5वर्ष के लिए सौ फीसदी छूट दी जाएगी।

• ऐसे उत्पादजिनका देश में उत्पादन नहीं होता, उसका निर्माण करने वाले उद्योगों को ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन को साकार करने के उद्देश्य से स्ट्रैटेजिक महत्व के प्रोजेक्ट के अंतर्गत शामिल कर इकोसिस्टम इम्पॉवरमेंट तथा मेगा एवं लार्ज प्रोजेक्ट को मिलने वाले स्पेशल पैकेज के द्वारा अतिरिक्त सहायता देने का प्रावधान किया गया है।

• स्पेशल पैकेज के अंतर्गत स्वीकृत किए गए प्रोजेक्ट्स को राज्य सरकार के अंतर-विभागीय समन्वय और ‘सिंगल पॉइंट ऑफ कॉन्टेक्ट’ के माध्यम से जमीन आवंटन एवं एप्रोच रोड तथा जलापूर्ति, इलेक्ट्रिसिटी और सीवेज जैसी अन्य मूलभूत बुनियादी ढांचे से संबंधित जरूरतों के लिए व्यापक सुविधाएं उपलब्धकराई जाएंगी।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि गुजरात इस नई बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी 2022-27 के माध्यम से बायोटेक्नोलॉजिकल-ड्रिवन इकोनॉमी के द्वारा ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ेगी।