हल्दिया। विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा और पिछले दिनों रेप के दो मामलों में सीबीआई CBI जांच का आदेश देने से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में जबरदस्त हड़कंप है। इसका खुलासा खुद सीएम ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी के बयान से हो गया। अभिषेक ने ऐसे मामलों में सीबीआई जांच का आदेश देने पर कलकत्ता हाईकोर्ट पर निशाना साधा है। उन्होंने हल्दिया में पार्टी की एक रैली में कहा कि न्यायपालिका में एक-दो ऐसे लोग है, जिनकी मिलीभगत है और वे हर मामले में सीबीआई जांच के आदेश दे रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस ने इस बयान पर अभिषेक को आड़े हाथ लिया है।
रैली में अभिषेक बनर्जी ने कहा कि सच बोलता रहूंगा, भले ही मेरे खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने पिछले कुछ महीनों में कई मामलों में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। हमें धमकाने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ED का इस्तेमाल हो रहा है। पश्चिम बंगाल का अपमान करने के लिए एजेंसियों ने मुझे दो बार दिल्ली बुलाया। मैंने भी बीजेपी के दो सांसदों को तृणमूल में लेकर उन्हें करारा जवाब दिया। वो अर्जुन सिंह और बाबुल सुप्रियो का हवाला दे रहे थे। बनर्जी यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि अगर हमने दरवाजे खोल दिए, तो बंगाल में बीजेपी खत्म हो जाएगी। बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी पर भी अभिषेक ने हमला बोला और उनपर खुद को जांच से बचाने के लिए मेदिनीपुर की आत्मा, विरासत और भावना को बेचने का आरोप लगाते हुए अहसान फरामोश बताया।
अभिषेक के इस बयान पर बीजेपी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि ऐसी बातों से पता चलता है कि टीएमसी के नेता कोर्ट की इज्जत नहीं करते। ये भी बयान से सामने आता है कि टीएमसी को डर है कि सीबीआई जांच से मामलों की सच्चाई सामने आ जाएगी। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कोर्ट ने सही मामलों में ही सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। देश के हर नागरिक को इसका सम्मान करना चाहिए। उनका बयान माने जाने लायक नहीं है।